हमारा सामाजिक तानाबाना बडा विचित्र है क्योंकि डाक्टर प्रिया वेदी जैसी पढ़ी लिखी महिला ने आत्म हत्या जैसा कदम उठाकर समाज को विचलित कर दिया है कि वह चाहती तो पति से तलाक ले सकती थी ।उसे एक ग्रामीण अनपढ़ महिला के अपेक्षा जीना सरल था क्योंकि अपने पैरों पर खडी थीं ।हा यह जरूर था समाज कुछ महीने उसे तानें मारता पर समाज का तो यह काम ही है।पहले आपकी बुराई करता है फिर आप की प्रशंसा के पुल बाध देता है माता सीता को इसी समाज वन जाने पर विवश कर दिया था पर उन्होंने आत्म हत्या जैसा घातक कदम नही उठाया था। बल्कि उसी समाज को माफी मांगने पर विवश कर दिया।
पर समस्या यहाँ समाज से ज्यादा प्रिया की वे अपेक्षायें खंडित होगयी जो उस बेचारी ने देखा था ।वह अपेक्षा जो शादी से पहलें हर लड़का और लड़की देखते हैं कि उन्हें एक ऐसा जीवन साथी मिले जिससे वह केवल बिस्तर. पर शरीर न बाटे बल्कि जीवन के दुख दर्द भी बाटे दोनो दो शरीर में रहने वाली एक आत्मा हो पर जब एक भी धोखा देता है दूसरे के विश्वास को खडिंत करता है तब रिश्तों की आत्मा मर जाती है और उसी कारण ऐसा कदम उठाने को विवश हो जाता है। पर यह कदम किसी भी दृष्टिकोण. से सही नहीं कहा जा सकता है यह क्षणिक आवेश मे उठाया गया कदम है ।
वस्तुतः यह हत्या प्रिया की उस भावना ने किया जहाँ उसने पति से अत्यधिक आशा पाल ली और आशा पूरी न होने पर उसे अपार दुख हुवा और आत्म हत्या कर ली जो सर्वथा गलत थी। होना तो यह चाहिए था कि वह उसे छोड़ देती क्योंकि जो मेरी इज्जत नहीं कर सकता है या तो मैं उसे छोड़ दूगा या मार दूगा यह भाव होना चाहिए. सबसे अच्छा है उसे छोड़. कर नये सिरे से जीवन आरम्भ करती
. पति के समलैंगिक होने के चलते शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से गुजरने के बाद कलाई काटकर अपनी जिंदगी खत्म करने वाली एम्स की डॉक्टर डॉ. प्रिया वेदी की मौत के बाद खुलासा हुआ है कि डॉक्टर ने दिल्ली के जिस होटल में आत्महत्या की थी, वहां परिजनों के पहुंचने से पहले उनका पति डॉ. कमल मौजूद था। प्रिया के चाचा डॉ. वेदप्रकाश और कजिन ऋषभ ने कहा है कि होटल में मौजूद रहने के दौरान डॉ. कमल ने प्रिया की लाश को देखा तक नहीं। यही नहीं, दोनों का यह भी कहना है कि डॉ. कमल के चेहरे पर शिकन तक थी, दुख झलकना तो दूर की बात है। प्रिया के परिजनाें का तो यहां तक आरोप है कि डॉ. कमलेश जिस तरह का व्यवहार कर रहा था, उससे लग रहा था कि जैसे उसे पहले से ही यह सब पता था। इस बीच, डॉ. कमल को अरेस्ट कर लिया गया है और सोमवार को कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रिया एम्स में एनेस्थेसिया डिपार्टमेंट में रेजीडेंट डॉक्टर थीं। वह जयपुर की रहने वाली थीं। डॉ. कमल भी एम्स में ही स्किन स्पेशलिस्ट है।
डॉक्टर प्रिया का परिवार सदमे में
इस घटना के बाद जयपुर के चांदपाेल निवासी टेलरिंग का काम करने वाले प्रिया के पिता रामबाबू वर्मा और परिवार के सभी सदस्य सदमे में हैं। रामबाबू ने कहा, "प्रिया शुरू से ही प्रताड़ना झेलती रही, लेकिन हमें बताया तक नहीं। जब हमें पता चला तो उसने चुप करा दिया। मैं अंदर ही अंदर दुखी था, लेकिन किसी से कुछ नहीं कह सका। बेटी ने कसम दिला दी थी।" प्रिया के एक रिश्तेदार के मुताबिक, डॉक्टर कमल प्रिया को नींद की गोलियों का ओवरडोज भी देता था। प्रिया के पिता ने बताया कि प्रिया के ससुर ने उन्हें और प्रिया को भरोसा दिलाया था कि जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।
दीदी ने नहीं उठाया फोन : रजत
सोमवार को प्रिया के चाचा के लड़के रजत अपनी दीदी की बात करते-करते रो पड़े। रजत बोले, "दीदी ने कभी भी इस बात को शेयर नहीं किया कि उसके साथ ये सब हो रहा है। उनके लिए ऐसी बात को शेयर करना भी मुनासिब नहीं था। यदि केवल टॉर्चर का मामला होता, तो जरूर बता देती। पति का समलैंगिक होना भी छुपाने वाली बात थी। दुख की बात ये है कि उन्होंने मौका ही नहीं दिया कि हम उन्हें बचा पाते। जब तक हम बचाने गए तब तक तो देर हो चुकी थी।" रजत ने कहा, "दीदी के पति समलैंगिक थे, इसके बावजूद वे उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार थीं, लेकिन जब उनके पति ने टॉर्चर करना शुरू कर दिया तो उनके लिए जिंदगी और भी दूभर हो गई। वह अपने पति और परिवार से बहुत प्यार करती थी।" रजत ने बताया, "जैसे ही मैंने वो पोस्ट देखी तो दीदी को फोन किया, लेकिन दीदी ने फोन नहीं उठाया। फिर ताऊ जी के लड़के अजय वर्मा को फोन किया तो वो सीधे दीदी के घर और थाने पहुंचे। थाने वालों ने रिपोर्ट नहीं लिखी।"
सिलाई कर बच्चों को बड़े ओहदे पर पहुंचाया
प्रिया के पिता रामबाबू के बचपन के मित्र कल्याण ने बताया कि रामबाबू ने सिलाई कर कर के बच्चों को इस ओहदे पर पहुंचा दिया कि यह पूरे समाज और लोगों के लिए आश्चर्य का विषय है।
आरोपी पति के खिलाफ 3 मुख्य धाराओं के तहत जांच शुरू हो सकती है-
04 बी (दहेज उत्पीड़न के कारण मौत): अधिकतम सजा 10 साल कैद।
498 ए (पति द्वारा पत्नी के साथ क्रूरता): अधिकतम सजा तीन साल कैद।
306 (आत्महत्या के लिए उकसाना): अधिकतम सजा 10 साल कैद।
377 (समलैंगिकता): यह धारा जांच में आरोपी के समलैंगिक साबित होने के बाद लगाई जा
पुलिस का कहना है कि प्रिया ने शनिवार रात पौने 12 बजे के करीब होटल में चेक इन किया। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने पति पर शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि पति ने खुद के बारे में प्रिया को अंधेरे में रखा। यह भी लिखा गया है कि पति उससे शारीरिक संबंध बनाने में असफल रहता था। प्रिया और कमल की शादी पांच साल पहले हुई थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें