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मंगलवार, फ़रवरी 02, 2016

अपठित गद्यांश



निम्न गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व दिए गए प्रश्नों के आधार के उत्तर दीजि-
एक आदमी था | उसे अपना घर अमंगल प्रतीत होने लगा ,तो वह किसी गाँव में चला गया |वहां उसे गन्दगी दिखाई दी ,तो जंगल में चला गया |जंगल में एक आम के पेड़ के नीचे बैठा था कि एक पक्षी ने उसके सिर पर बीट कर दी | ‘यह जंगल भी अमंगल है’ –ऐसा कह कर वह नदी में जा खड़ा हुआ | नदी में उसने देखा की बड़ी मछलियाँ छोटी मछलियों को खा रही हैं ,तब तो उसे बड़ी घिन लगी |‘अरे ,यह तो सारी सृष्टि ही  अमंगल है |यहाँ मरे बिना छुटकारा ही नहीं , ऐसा सोचकर वह पानी से बाहर आया और आग जलाई |उधर से एक सज्जन आये और बोले –भाई ,यह मरने की तैयारी क्यों ?”“यह संसार अमंगल है इसलिए !-वह बोला |उस सज्जन ने उत्तर दिया –तेरा यह गन्दा शरीर , यह चर्बी यहाँ जलने लगेगी ,तो यहाँ कितनी बदबू फैलेगी |हम यहां पास ही रहते हैं |तब हम कहाँ जायेंगे ? एक बाल के जलने से ही कितनी दुर्गन्ध आती है !फिर तेरी तो सारी चर्बी जलेगी ! कितनी दुर्गन्ध फैलेगी ,इसका भी तो कुछ विचार करो !वह आदमी परेशान होकर बोला –इस दुनिया में न जीने की सुविधा है और न मरने की ही ,तो अब करूं क्या ?
क) आदमी गाँव क्यों गया
क – शहर में कष्ट होने के कारण        ख – गाँव में परिवार होने के कारण
ग – शहर में अशांति होने के कारण     घ – घर अमंगल होने के कारण
ख) गाँव में उसे क्या बाधा दिखी
क – झगड़ा-झंझट दिखाई पड़ा         ख- गन्दगी दिखाई दी
ग – लोगों की ईर्ष्या दिखाई दी        घ – सुविधाओं का अभाव था
ग) नदी में उसने क्या देखा
क – गंदगी बह रही थी |
ख – बड़ी मछलियाँ छोटी मछलियों को खा रही थीं |
ग – नदी की धारा तेज बह रही थी |
घ – नदी में जानवरों की लाश बह रह
घ) आग जलाने का क्या प्रयोजन था ?
क –अँधेरे में प्रकाश करना         ख – खाना पकाना
ग – सहित बाधा से बचाना        घ – मरने के लिए चिता बनाना 
ड.) उस आदमी ने परेशान होकर क्या कहा
क –दुनिया में सुख-साधन बहुत है
ख – दुनिया में जीने या मरने की सुविधा नहीं ह
ग – दुनिया में कोई किसी का साथी नही
घ – दुनिया में कोई सुखी नहीं ह

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