प्रश्न 1-भक्तिन का वास्तविक नाम क्या था, वह अपने नाम को क्यों छुपाना चाहती थी?
1. भक्तिन का वास्तिविक नाम लक्ष्मी था | लक्ष्मी धन की देवीहै। 2उसके वास्तविक नाम के अर्थ और उसके जीवन के यथार्थ में विरोधाभास है,3. असली नाम लक्ष्मी बताकर उपहास का पात्र नहीं बनना चाहती थी|
प्रश्न 2- लेखिका ने
लक्ष्मी का नाम भक्तिन क्यों रखा? -घुटा हुआ सिर, गले में कंठी माला और भक्तों की तरह सादगीपूर्ण वेशभूषा
प्रश्न 3- भक्तिन
के जीवन को कितने परिच्छेदों में विभाजित
किया गया है? चार भागों में 1 उसका बचपन ,बाल विवाह २ वैवाहिक जीवन—सास ,जेठानियों का अन्याय पूर्ण
व्यवहार| ३ उसका और बेटी का विधवा होना, ४ . महादेवी वर्मा की सेविका के रूप में
प्रश्न 4- भक्तिन
पाठ के आधार पर भारतीय ग्रामीण समाज में लड़के-लड़कियों में किये जाने वाले भेदभाव
का उल्लेख कीजिए |-- लड़कियों को खोटा सिक्का या पराया धन
मानना , भक्तिन की 3 बेटिया थी इस कारण उस
पर अत्याचार ,,, घर और खेतों का सारा काम ,खाने लड़की एवं उसके माँ के साथ
अत्याचार , रूखा-सूखा मोटा अनाज खाने को
मिलता था|
प्रश्न 5-भक्तिन
पाठ के आधार पर पंचायत के न्याय पर टिप्पणी कीजिए |१ समझ से परे, तर्कहीन अन्धाकनुना वाला निर्णय |२
एक तरफ़ा फैसला देकर उसका विवाह जबरदस्ती ३-दुष्टों को लाभ हुआ और निर्दोष को दंड |
प्रश्न 8-भक्तिन का
दुर्भाग्य भी कम हठी नही था, लेखिका ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर- भक्तिन का
दुर्भाग्य उसका पीछा नहीं छोड़ता था-
1 बचपन में ही माँ
की मृत्यु २ विमाता की उपेक्षा । 3 भक्तिन(लक्ष्मी)
का बालविवाह ।4 पिता का निधन ।5 तीन-तीन
बेटियों को जन्म देने केकारण सास और जिठानियों के द्वारा भक्तिन की उपेक्षा ।6 पति
की असमय मृत्यु । 7 दामाद का निधन और पंचायत के द्वारा निकम्मे तीतरबाज युवक से
भक्तिन की विधवा बेटी का जबरन विवाह ।8 लगान न चुका पाने पर जमींदार के द्वारा
भक्तिन का अपमान।
प्रश्न 10- भक्तिन
के चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- महादेवी
वर्मा की सेविका भक्तिन के व्यक्तित्व की विशेषताएं निम्नांकित हैं-
1 समर्पित सेविका 2
स्वाभिमानी 3 तर्कशीला, 4 परिश्रमी 5 संघर्षशील
भक्तिन’ अनेक
अवगुणों के बाद भी महादेवी के लिए अनमोल क्यों थी ?
भक्तिन वाक्पटुता
में बहुत आगे थी ? पाठ के आधार पर सिद्ध करे ?—अपनी चोरी को स्वीकार न करना ,,जिस बात से लेखिका को
क्रोध आता उसे इधर उधर करके बताना ,, सिर घुटना लेखिका को अच्छा नही लगता तो उसे
शास्त्र सिद्ध करती- तीरथ गए मुड़ाये सिद्ध
| पढ़ने के बारे में तर्क
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