India's First
Nuclear Reactor was Apsara-- यह ४
अगस्त १९५६ को
स्थापित किया गया यह इग्लैंड के सहयोग से स्थापित किया गया है ।यह
एशिया का भी पहला रियेक्टर है ।यह स्विमिंग पुल टाइप
रियेक्टर है । इस में
संवर्धित युरेनियम का ईधन के रूप में प्रयोग किया जाता है तथा शीतलक व मंदक के रूप
सामान्य जल का प्रयोग किया जाता है ।
इस
रियेक्टर की स्थापन का उद्देश परमाणु विकिरण के खतरों का अध्ययन करना तथा
रेडियो धर्मी समस्थानिको का उत्पादन
करना था ।
cirus ( कनाडा
इंडिया रिसर्च यूटिलिटी सिस्टम )-- यह १० जुलाई १९६० को स्थापित किया गया ।
इस रियक्टर में ईधन के रूप -- प्राकतिक युरेनियम का प्रयोग किया जाता
है । मंदक के रूप में भारी जल तथा शीतलक के रूप में सामान्य जल का प्रयोग किया गया
है । नियंत्रक छड के रूप में --बोरान कैडमियम का प्रयोग किया गया है ।
इस
रियेक्टर का उद्देश्य रेडियोधर्मी उत्पादन के साथ विभिन्न प्रकार के
क्रिस्टल का अध्ययन करना है । यह
रियेक्टर ३१ /१२/२०१० हमेसा
के लिए बंद करदिया गया है ।
ज़ेरलिना(Zero Energy Reactor for Lattice Investigations and New Assemblies) -- इस
रियेक्टर का विकास फ्रांसीसी रियेक्टर एक्युलन के आधार पर किया
गया है । इस रियेक्टर का उद्देश्य भविष्य में स्थापित किये जाने
रियेक्टर में प्रयोग किये जाने ईधन छड के क्रम का अध्ययन करना था
। इस
रियक्टर में ईधन के रूप में --प्राकतिक युरेनियम का
प्रयोग किया जाता है । मंदक तथा
शीतलक के रूप
में भारी जल का
प्रयोग किया जाता है । १९८३ रियेक्टर
को de commisning
कर दिया गया है ।
PURNIMA I ( Plutonium Reactor for Neutron
Investigations in Multiplying Assemblie )-- स्थापना --१ ८/मई/१९७२ यह पहला रियेक्टर है जिस में
प्लूटोनियम का ईधन के रूप में प्रयोग किया गया। इस के द्वारा प्लूटोनियम ईधन के
प्रयोग को समझा गया । प्लूटोनियम
आधारित रियेक्टर में परावर्तक के रूप में तथा नियंत्रक छड के रूप में मॉलिब्डेनम
का प्रयोग किया गया । शीतलक के रूप
में हवा व मंदक
के रूप कुछ भी नही प्रयोग
किया गया है।
PURNIMA II - स्थापना --१० /मई/१९७४। इस रियेक्टर का निर्माण U२३३ ईधन के परिक्षण के लिए किया गया । इस रियेक्टर में URANYL NITRATE SOLUTION का प्रयोग ईधन के रूप किया गया । पहली बार U२३३ का प्रयोग किया गया । शीतलक व मंदक के रूप सामान्य जल का प्रयोग किया गया है ।
PURNIMA II-- स्थापना
--९ /नवम्बर /१९९० । इस
रियक्टर में ईधन के रूप -- युरेनियम २३३तथा एल्मिनियम मिश्र धातु का
प्रयोग किया गया है ।
Dhruva(R -५)--The Dhruva reactor is India's largest research reactor and primary source of
weapons-grade
plutonium(२० से २५ किलोग्राम ) । यह(Pressurized Heavy Water
Reactor) P.H. W.R. प्रकार का रियेक्टर है । इस रियेक्टर का उद्देश्य
रेडियो समस्थानिक का उत्पादन करना है । इस रियेक्टर से १००
मेगावाट विधुत ऊर्जा प्राप्त की जाती है ।
IGCAR(Indira Gandhi Centre for Atomic Research,) -I GCAR was established in the year 1971, under the
Department of Atomic Energy, Government of India. यह कल्पक्म तमिलनाडु में है । मिश्रित
प्लूटोनियम यूरेनियम कार्बाइड ईंधन पर आधारित फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर जो कि
विश्व में इस प्रकार का एकमात्र रिएक्टर है। इस में ईधन के रूप में प्लुटोनिय
युरेनियम कार्बाइड व
मंदकऔर शीतलक के रूप
में गलित सोडियम का प्रयोग किया जाता है ।
नोट- कोई रिएक्टर फ़ास्ट तब कहा जाता है जब उस में न्यूट्रान की
गति को मंद नही किया जाता है ।
BREEDER तब है
जब वह जितना ईधन प्रयोग में लाये उससे अधिक उत्पन करे ।
कामिनी
रिएक्टर जो कि विश्व में यू-233 द्वारा
प्रचलित एक रिएक्टर है, सफलतापूर्वक
प्रचालित किए जा रहे है ।
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नोट -१९५१-- अमेरिका के द्वारा प्रयोगिक प्रजनक
परमाणु भट्टी के द्वारा विधुत
उर्जा (१०० वाट ) पायी गयी यह प्रयोग इदोह में किया गया है ।
१९५४
-- रूस ने संसार के पहले
परमाणु ऊर्जा प्लांट की स्थापना की थी ।
१९५६
--इंग्लैण्ड के द्वारा परमाणु उर्जा का व्यवसायिक उपयोग किया गया ।
१९६९
-- भारत के पहले परमाणु उर्जा सयंत्र की स्थापना तारापुर में ।
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