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गुरुवार, अक्टूबर 03, 2019

राजभाषा अधिनियम 1963 ( धारा 4 से धारा 9 तक )


धारा 4   जिस तारीख से अधिनियम की धारा 3 प्रभावी होगी उसके 10 वर्ष के पश्चात राष्ट्रपति की मंजूरी से प्रस्तावित और दोनों सदनों के द्वारा पारित किये जाने के बाद एक संसदीय समिति का गठन किया जायेगा | जो संघ के राजकीय प्रयोजन में हिन्दी के प्रयोग में की गई प्रगति का पुनर्विलोकन करे और पर सिफारिशें करते हुए राष्ट्रपति को प्रतिवेदन देगा जिसे राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों में रखेगा और उसे सभी राज्यों को भेजेगा | राष्ट्रपति सभी के मतो के आधार पर प्रतिवेदन के या उसके किसी आधार पर आदेश  निकालेगा जो किसी हालात धारा 3 का अतिक्रमण नहीं करेगा |
इस समिति में कुल 30 सदस्य होगे जिनमें 20 लोक सभा से एवं 10 राज्य सभा से होगे |जो अनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल सक्रमणीय मत के द्वारा निर्वाचित होगे

धारा 5 केंद्रीय अधिनियम का प्राधिकृत  हिन्दी अनुवाद – नियत दिन को या उसके पश्चात राष्ट्रपति के प्राधिकार से प्रकाशित राजकीय राजपत्र – राष्ट्रपति के द्वारा निकला गया (क)अध्यादेश,(ख)आदेश, नियम,विनियम,या उपविधि का हिंदी अनुवाद उसका प्राधिकृत  पाठ समझा जाएगा  | सभी विधेयक जो संसद के द्वारा पारित होते है या होने वाले हो उनका हिन्दी अनुवाद भी प्राधिकृत पता समझा जायेगा |

 धारा 6 जहां राज्यों  विधानमण्डल द्वारा पारित अधिनियमों में अथवा उस राज्य के राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित( जिसके संबंध में कहा गया हो ) अध्यादेशों में प्रयोग के लिए हिन्दी से भिन्न कोई भाषा निश्चित की है वहां, संविधान के अनुच्छेद 348 के खण्ड (3) द्वारा अपेक्षित अंग्रेजी भाषा में उसके अनुवाद के अतिरिक्त, उसका हिन्दी में अनुवाद उस राज्य के शासकीय राजपत्र में, उस राज्य के राज्यपाल के प्राधिकार से, नियत दिन को या उसके पश्चात्‌ प्रकाशित किया जा सकेगा और ऐसी दशा में ऐसे किसी अधिनियम या अध्यादेश का हिन्दी में अनुवाद हिन्दी भाषा में उसका प्राधिकृत पाठ समझा जाएगा।

धारा 7 -  राज्यपाल रष्ट्रपति की सहमति से हिन्दी या किसी अन्य भाषा को न्यायालय के आदेश की भाषा बना सकता है परन्तु उसका अंग्रेज़ी अनुवाद करवाना आवश्यक है |
धारा 8 – केंद्रीय सरकार इस अधिनियम के अनुपालन हेतु कोई नियम बना सकती है  | इसकी सूचना शासकीय राजपत्र के द्वारा दी जाएगी |

धारा 9 जम्मू कश्मीर में इस अधिनियम की धारा 6 एवं 7 के उपबंध जम्मू  कश्मीर में लागू नहीं होंगे |

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