क्रिया की विशेषता बताने वाले को क्रिया-विशेषण कहते है| क्रिया विशेषण के पांच प्रकार है |
रीतिवाचक-जिससे क्रिया करने के तरीकें का बोध होता है उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते है|
इस क्रियाविशेषण से निश्चय, अनिश्चय,कारण निषेध का बोध होता है |धीरे-धीरे,शीघ्र,अचानक,शायद, जरूर,नही,ठीक,ऐसे,सहसा,हाँ,मत,वैसे,सच,कदाचित,नि:संदेह,हाँ,क्यों
मेरी कार के सामने अचानक आ गया |
•गुणवाचक क्रिया-विशेषण- -जो
क्रिया के गुण का बोध करवाएं उसे गुणवाचक क्रिया के कहते है |
•राजेश
मीठा बोलता है |
•
कार तेज दौड़ती है
•
•परिणाम वाचक क्रिया-विशेषण- जिन शब्दों से क्रिया की मात्रा का
बोध हो उसे परिणाम वाचक क्रिया-विशेषण
कहते है |
•वह
बहुत तेज दौड़ता है|
•वह
बहुत खाता है |
•स्थानवाचक
क्रिया-विशेषण- जिस शब्द से क्रिया के स्थान का बोध हो उसे स्थानवाचक
क्रिया-विशेषण कहते है|
•ऊपर,निचे,दायें-बाएं
,आमने-सामने,सर्वत्र,अन्दर ,भीतर,आस-पास,यहीं,आगे|
मेरा घर ऊपर है |
हम आसपास रहते है |
अन्दर जाओं
तुम यहीं रूक|
काल वाचक क्रिया-विशेषण- जो क्रिया के होने के समय का बोध करता है |
•मैं
तुम्हारे घर कल आया था
•तुम
कब आये |
•इतिहास
को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें