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रविवार, नवंबर 02, 2025

📖 अपठित बोध: साहित्य और सौंदर्य-बोध

गद्यांश

सभी मनुष्य स्वभाव से ही साहित्य-स्रष्टा नहीं होते, पर साहित्य-प्रेमी होते हैं । मनुष्य का स्वभाव ही है सुंदर देखने का । घी का लड्डू टेढ़ा भी मीठा होता है, पर मनुष्य उसे गोल बनाकर सुंदर कर लेता है । मूर्ख-से-मूर्ख हलवाई के यहाँ भी गोल लड्डू ही प्राप्त होता है; लेकिन सुंदरता को सदा-सर्वदा तलाशने की शक्ति साधना के द्वारा प्राप्त होती है । उच्छृंखलता और सौंदर्य-बोध में अंतर है । बिगड़े दिमाग का युवक परायी बहू-बेटियों को घूरने को भी सौंदर्य-प्रेम कहता है, हालाँकि यह संसार की सर्वाधिक असुंदर बात है । जैसा कि पहले ही बताया गया है, सुंदरता सामंजस्य में होती है और सामंजस्य का अर्थ होता है- किसी चीज़ का न बहुत अधिक और न बहुत कम न होना । इसमें संयम की बड़ी ज़रूरत है । इसलिए सौंदर्य-प्रेम में संयम होता है, उच्छृंखलता नहीं । इस विषय में भी साहित्य ही हमारा मार्गदर्शक हो सकता है । जो व्यक्ति दूसरों के भावों का आदर करना नहीं जानता, उसे दूसरों से भी सद्भावना की आशा नहीं करनी चाहिए । मनुष्य कुछ ऐसी जटिलताओं में आ फँसा है कि उसके भावों को ठीक-ठीक पहचानना हर समय संभव नहीं होता । ऐसी अवस्था में हमें मनीषियों के चिंतन का सहारा लेना पड़ता है । इस दिशा में साहित्य के अलावा दूसरा उपाय नहीं है । मनुष्य की सर्वोत्तम कृति साहित्य है , और मनुष्य पद का अधिकारी बने रहने के लिए साहित्य ही उसका एकमात्र सहारा है । यहाँ साहित्य से हमारा अभिप्राय उसकी समस्त सात्त्विक चिंतन-धारा से है ।


✅ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न

(i) सुंदरता को तलाश करने की शक्ति कैसे प्राप्त होती है?

  • (अ) संयम के द्वारा
  • (ब) साधना के द्वारा
  • (स) साहित्य प्रेम के द्वारा
  • (द) उच्छृंखलता के द्वारा
**सही उत्तर:** (ब) साधना के द्वारा

(ii) सामंजस्य का क्या अर्थ होता है?

  • (अ) किसी चीज़ का बहुत अधिक होना और किसी का बहुत कम होना।
  • (ब) किसी चीज़ का बहुत अधिक और किसी का बहुत कम होना।
  • (स) किसी चीज़ का न बहुत अधिक और न बहुत कम होना।
  • (द) उपर्युक्त सभी सही हैं।
**सही उत्तर:** (स) किसी चीज़ का न बहुत अधिक और न बहुत कम होना।

(iii) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है -

  • (अ) साहित्य और सौंदर्य-बोध
  • (ब) युवाओं की उच्छृंखलता
  • (स) संयम का महत्त्व
  • (द) साहित्य प्रेम
**सही उत्तर:** (अ) साहित्य और सौंदर्य-बोध

💡 2. अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

'साहित्य-स्रष्टा' का क्या अर्थ है?

**उत्तर:** साहित्य-स्रष्टा वे व्यक्ति होते हैं जो **साहित्य का सृजन** करते हैं।

✍️ 3. लघुत्तरात्मक प्रश्न

(i) जीवन में संयम की ज़रूरत क्यों है?

**उत्तर:** जीवन में संयम की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि संयम से ही **सामंजस्य** का भाव उत्पन्न होता है, जिससे मनुष्य दूसरों की भावना का आदर कर सकता है।

(ii) लेखक ने संसार की सबसे बुरी बात किसे माना है और क्यों?

**उत्तर:** लेखक ने संसार की सबसे बुरी बात **परायी बहू-बेटियों को घूरना** बताया है, क्योंकि यह सौंदर्य-बोध के नाम पर **उच्छृंखलता** है।

(iii) उच्छृंखलता और सौंदर्य-बोध में क्या अंतर है?

**उत्तर:** उच्छृंखलता में **नियमों का पालन नहीं होता**, जबकि सौंदर्य-बोध में **संयम** होता है।

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