📖 अपठित बोध: साहित्य और सौंदर्य-बोध
गद्यांश
सभी मनुष्य स्वभाव से ही साहित्य-स्रष्टा नहीं होते, पर साहित्य-प्रेमी होते हैं । मनुष्य का स्वभाव ही है सुंदर देखने का । घी का लड्डू टेढ़ा भी मीठा होता है, पर मनुष्य उसे गोल बनाकर सुंदर कर लेता है । मूर्ख-से-मूर्ख हलवाई के यहाँ भी गोल लड्डू ही प्राप्त होता है; लेकिन सुंदरता को सदा-सर्वदा तलाशने की शक्ति साधना के द्वारा प्राप्त होती है । उच्छृंखलता और सौंदर्य-बोध में अंतर है । बिगड़े दिमाग का युवक परायी बहू-बेटियों को घूरने को भी सौंदर्य-प्रेम कहता है, हालाँकि यह संसार की सर्वाधिक असुंदर बात है । जैसा कि पहले ही बताया गया है, सुंदरता सामंजस्य में होती है और सामंजस्य का अर्थ होता है- किसी चीज़ का न बहुत अधिक और न बहुत कम न होना । इसमें संयम की बड़ी ज़रूरत है । इसलिए सौंदर्य-प्रेम में संयम होता है, उच्छृंखलता नहीं । इस विषय में भी साहित्य ही हमारा मार्गदर्शक हो सकता है । जो व्यक्ति दूसरों के भावों का आदर करना नहीं जानता, उसे दूसरों से भी सद्भावना की आशा नहीं करनी चाहिए । मनुष्य कुछ ऐसी जटिलताओं में आ फँसा है कि उसके भावों को ठीक-ठीक पहचानना हर समय संभव नहीं होता । ऐसी अवस्था में हमें मनीषियों के चिंतन का सहारा लेना पड़ता है । इस दिशा में साहित्य के अलावा दूसरा उपाय नहीं है । मनुष्य की सर्वोत्तम कृति साहित्य है , और मनुष्य पद का अधिकारी बने रहने के लिए साहित्य ही उसका एकमात्र सहारा है । यहाँ साहित्य से हमारा अभिप्राय उसकी समस्त सात्त्विक चिंतन-धारा से है ।
✅ 1. बहुविकल्पीय प्रश्न
(i) सुंदरता को तलाश करने की शक्ति कैसे प्राप्त होती है?
- (अ) संयम के द्वारा
- (ब) साधना के द्वारा
- (स) साहित्य प्रेम के द्वारा
- (द) उच्छृंखलता के द्वारा
(ii) सामंजस्य का क्या अर्थ होता है?
- (अ) किसी चीज़ का बहुत अधिक होना और किसी का बहुत कम होना।
- (ब) किसी चीज़ का बहुत अधिक और किसी का बहुत कम होना।
- (स) किसी चीज़ का न बहुत अधिक और न बहुत कम होना।
- (द) उपर्युक्त सभी सही हैं।
(iii) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है -
- (अ) साहित्य और सौंदर्य-बोध
- (ब) युवाओं की उच्छृंखलता
- (स) संयम का महत्त्व
- (द) साहित्य प्रेम
💡 2. अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न
'साहित्य-स्रष्टा' का क्या अर्थ है?
✍️ 3. लघुत्तरात्मक प्रश्न
(i) जीवन में संयम की ज़रूरत क्यों है?
(ii) लेखक ने संसार की सबसे बुरी बात किसे माना है और क्यों?
(iii) उच्छृंखलता और सौंदर्य-बोध में क्या अंतर है?
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