इसके अलावा नशा करने वाला अपना स्वास्थ्य को भी नष्ट करता है | w .h.o .के आकड़ों के अनुसार ७६ लाख लोग (सभी मौत का १३%) प्रति वर्ष कैन्सर से मरते है | जिसका सबसे बड़ा कारण तम्बाकू और शराब का सेवन है| | ६० लाख लोग तम्बाकू और २५ लाख लोग शराब के सेवन से होने वाले रोगों से मरते है |w .h.o के अनुसार हार्ट अटैक के बाद सबसे ज्यादा मौते नशे के कारण होती है| भारतीय अपने सभी पड़ोसियों से ज्यादा शराब का सेवन करते है जहाँ पाकिस्तान ,नेपाल ,और बंग्ला देश में १५ वर्ष से उपर के नागरिक २.५ लीटर से कम शराब कि खपत करते है वही भारत में यह आकडा ४.५ लीटर पर है(यह आकडा प्रति व्यक्ति वार्षिक है ) | टी,बी ,दमा,और नपुसंकता का भी सबसे बड़ा कारण नशे का आदी हो ना है | सड़क पर होने वाली अधिकतर दुर्घटनाये भी शराब पिकर गाड़ी चलाने से होती है | नशा करने वाला सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारी भी सही से नही निभा पाता है जिस कारण वह अपनों की नजर में गिर जाता है| आकड़ो को देखने से पाता चलता है कि 30% से अधिक परिवार नशे के कारण टूटते है| नशे के शिकार परिवारों में से अधिकतर गरीब परिवार कि स्थिति और ख़राब है क्योकि उनके आय के साधन सीमित होते है जो केवल उनकी दैनिक आवश्यकता कि पूर्ति ही कर सकता है | यह नयाखर्च उनकि अर्थ व्यवस्था नही सभाल पाती है|उनके दैनिक आवश्यकता जैसे बच्चो कोपोषण युक्त आहार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में कटौती करनी पड़ती है | शराबी व्यक्ति नशे में होने के कारण घर में पत्नी और पड़ोसियों के साथ मर पीट करता है जिससे उसकि समाज में और परिवार में प्रतिष्ठा गिरती है तथा इस अव्यवस्था का सीधा प्रभाव बच्चो पर पड़ता है और वे भी अपराध व नशे के शिकार हो जाते है| इस तरह एक नई अपराधिक फसल तैयार हो जाती है जो आगे समाज के लिए खातरनाक होती है |
इन्ही सब खतरों को देख कर समाजशास्त्रियो द्वारा नशीले पदार्थो की बिक्री पर रोक लगाने की मांग हमेशा से होती रही है| परन्तु बिक्री कर के लालच में सरकारों ने इसे अनसुना का दिया और अपनी जनता के ही स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है | पर अगर कुछ तथ्यों पर गौर करे तो इस से सरकार तो फायदा तो कम है हानि ज्यादा है| क्योकि सरकार को इससे होने वाली बिमारियों की रोक थाम पर जो धन खर्च करना पड़ता है ,और सड़क दुर्घटना के कारण होने वाले नुकशान एव अन्यखर्च को देखे तो फायदा कम ही है |पर शराब के कारण जो देश की निर्माण कारक श्रम शक्ति व्यर्थ में नष्ट हो जाती है जिस को अगर निर्माण के कार्य में लगाया जाये तो देश में जो निर्माण होगा वह शराब कि बिक्री से होने वाले कही ज्यादा है| अत: सरकारों को चाहिए कि तत्कालिक लाभ का मोह छोड़ कर शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये |जिससे देश व समाज का लाभ होगा |
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