योजना
प्रारूप
कक्षा-12 वीं विषय-हिन्दी पाठ–जूझ
कालांश:
प्रारम्भ करने की
दिनांक: पूर्ण करने का अपेक्षित
दिनांक: पूर्ण करने का वास्तविक दिनांक:
पाठ का सारांश |
सीखने का लक्षित
परिणाम
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शिक्षण विधि निश्चित लक्षित परिणाम प्राप्त करनें की
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मूल्यांकन रणनीतियाँ |
केंद्रित कौशल
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जूझ- आनंद यादव
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1.लेखक के संघर्ष को समझना
2.
परिस्थितियों के अनुरूप कार्य क्षमता
विकसित करना|
3.
काव्य रचना की खूबियों को समझना |
4.
कठिन परिस्थितियों से निकालने का मार्ग खोजना |
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कहानी संबंधी वीडियो दिखाना ।
कक्षा
में आदर्श एवं अनुकरण वाचन कराना |
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बोध-संबंधी
प्रश्न I
प्र. इस पाठ का लेखक कौन ,उसके
जीवन से आप क्या शिक्षा लेते है ?
प्र.
2 दत्ता जी राव ने आनंदा की पढ़ाई में कैसे सहयोग किया ?
प्र.3
बसंत पाटिल से आनंदा की मित्रता कैसे हुई ?
प्र.4
सौन्देलगेकर से आनंदा को क्या प्रेरणा मिली
?
प्र.5
कविता लिखने से पहले और बाद में आनंदा के जीवन में क्या अंतर दिखाई देता है ?
|
‘जूझ’ पाठ आनंद यादव द्वारा रचित स्वयं के जीवन–संघर्ष की कहानी है| पढ़ाई
पूरी न कर पाने के कारण, उसका
मन उसे कचोटता रहता था|दादा
ने अपने स्वार्थों के कारण उसकी पढ़ाई छुड़वा दी थी|वह जानता था कि दादा उसे पाठशाला
नहीं भेजेंगे| आनंद
जीवन में आगे बढ़ना चाहता था|
वह
जनता था कि खेती से कुछ मिलने वाला नहीं|वह पढ़ेगा-लिखेगा तो बढ़िया-सी नौकरी मिल जाएगी |
आनंद ने एक योजना बनाई कि वह माँ को लेकर गाँव
के प्रतिष्ठित व्यक्ति दत्ता जी राव के पास जाएगा| दत्ता जी राव ने उनकी पूरी बात
सुनी और दादा को उनके पास भेजने को कहा | दत्ता जी ने उसे खूब
फटकारा, आनंद
को भी बुलाया | दादा
ने भी कुछ बातें रखीं कि आनंद को खेती के कार्य में मदद करनी होगी| आनंद
ने उनकी सभी बातें सहर्ष मान लीं| आनंद की पढ़ाई शुरू हो गई| शुरु में कुछ शरारती
बच्चों ने उसे तंग किया किन्तु धीरे-धीरे उसका मन लगने लगा| उसने कक्षा के मानीटर वसंत
पाटिल से दोस्ती कर ली जिससे उसे ठीक प्रकार से पढ़ाई करने की प्रेरणा
मिली| कई
परेशानियों से जूझते हुए आनंद ने शिक्षा का दामन नहीं छोड़ा| मराठी पढ़ाने के लिए श्री
सौंदलगेकर आए| उन्होंने
आनंद के हृदय में एक गहरी छाप छोड़ी| उसने भी कविताओं में रूचि
लेनी प्रारम्भ की| उसने
खेतों में काम करते –करते
कविताएँ कंठस्थ की| मास्टर
ने उसकी
कविता बड़े ध्यान से सुनी| बालक
का आत्मविश्वास बढ़ने लगा और उसकी काव्य-प्रतिभा में निखार आने लगा |
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पठन
एवं वाचन कौशल
|
सीखे
हुए ज्ञान को परिवेश से जोड़ सकने की जागरूकता I
|
कहानी
के शब्दों का उच्चारण करते हुए उन्हें
श्यामपट्ट पर लिखकर दर्शाना I
|
विद्यार्थियों
के समूह बनाकर “जूझ” शीर्षक के औचित्य
पर चर्चा कराना
|
श्रवण
कौशल
लेखन
कौशल
|
कहानी
को ध्यान पूर्वक सुनना |
|
कहानी
का सार समझाकर प्रश्न पूछते हुए पाठ का विस्तार करना I
|
कतिपय
शब्दों का उच्चारण करना एवं विद्यार्थियों से लिखवाना I
|
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