सहनशीलता एक महान
गुण है ,हमें किसी के ऊपर क्रोध नहीं करना चाहिए| हमें सदैव दूसरों की गलतियों ( अत्याचार को नहीं ) को शांति से सहन कर लेना चाहिए |क्योंकि क्रोध आप के मानसिक विकास को अवरुद्ध कर देता
है एक मिनट के क्रोध को शांत होने में कम से कम दो घंटे लगते है |तब तक आप बेचैन रहते है |कई बार आप क्रोध में अनेक पाप कर बैठते है,इसी
कारण क्रोध को पाप का मूल कहां गया है| क्रोध से सदैव बचाना चाहिए | जो
व्यक्ति महान होता है ,वह सदैव इससे दूर रहता है | सहनशीलता किस स्तर की हो इसको
हमें सर आइजक न्यूटन से सिखाना चाहिए|
सर आइजक न्यूटन जो एक महान वैज्ञानिक थे उन्होंने एक कुत्ता पाल रखा था, जिसका
नाम डायमण्ड था | एक बार न्यूटन लैब में काम कर रहे थे,उसी समय किसी ने बाहर से उन्हें
बुलाया और वह जलती हुई मोमबत्ती मेज पर छोड़कर बाहर चले गयें |उस समय डायमण्ड भी
उसी मेज के निचे बैठा था न्यूटन के बाहर निकलते ही वह भी कूद कर बहार निकला और
मोमबत्ती मेज पर गिर गयी | मेज पर रखे कागज जल गये जो न्यूटन की वर्षो की मेहनत का
परिणाम था | परन्तु न्यूटन ने उस कुत्ते पर जरा भी क्रोध नहीं किया सिर्फ इतना ही उनके मुहं से निकला डायमण्ड तू
क्या जाने तू ने कितना नुकसान किया है | साधारण व्यक्ति होता तो क्रोध करता ,पर
न्यूटन शांत रहा |
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