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शनिवार, अप्रैल 18, 2020

जनसंचार भाग 2


       संवाददाता( रिपोर्टर) जो समचार को संकलित करे अर्थात जो समाचार अनेक माध्यमों  से इकठ्ठा करे |
       पत्रकारिता देश विदेश में होने वाली घटना को इकट्ठा कर उसे सूचना के रूप में प्रकाशित करना | पत्रकारिता के मूल तत्व के रूप में हम नई सूचना को इकट्ठा करना मान सकते है |
       पत्रकारिता के विविध आयाम सम्पादकीय , फोटो पत्रकारिता , कार्टून कोना रेखांकन   आदि |
       पत्रकारिता के प्रकार
       विशेषीकृतपत्रकारिताकिसी विशेषक्षेत्र की गहराई से  जानकारी  देनी वाली पत्रकारिता ही विशेषी कृत पत्रकारिता है |जैसे खेल पत्रकारिता
       खोज परक पत्रकारितासार्वजनिक स्थान पर होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर होने वाली पत्रकारिता ही खोजपरक पत्रकारिता है| टेलीवीजन में इसे स्टिगं ओपरेशन कहते है| जैसे हवाला कांड ,ओपरेशन दुर्योधन आदि |
       वाचडॉग पत्रकारितायह खोजपरक पत्रकारिता का ही अंग है इस में सरकारी विभाग के कम काज पर निगाह रखा जाता है और उसकी गड़बड़ी का पर्दाफाश किया जाता है |
       एड्वोकेशी पत्रकारिता किसी विचार धारा ,घटना या मत पर जनमत तैयार करना ही एड्वोकेशी पत्रकारिता है |जैसे राम सेतू के लिये जनमत तैयार करने के लिये प्रचार किया गया है |
       पेज थ्री पत्रकारिता या  पीतपत्रकारिता  सनसनी, ग्लैमर की दुनिया ,या किसी सिलेब्रिटी के बारे बताने वाली पत्रकारिता ही पेज थ्री पत्रकारिता है |
पत्रकारिता के प्रमुख शब्द --------
       डेड लाईनकोई भी समाचार जिस अवधि के बाद छापता है वही अवधि उस समाचार पत्र की डेडलाईन है | जो समाचार पत्ररोज छपते है उनकी डेडलाइन २४ घंटे होती है अथार्त जो घटना २४ घंटे पहले की है वह उस पत्र के लिये बेकार है |
  विशेष रिपोर्ट जो विशेष क्षेत्र सूचना एकत्र करे | जैसे --
    खोजी रिपोर्ट : इसमें अनुपल्ब्ध तथ्यों को गहरी छान-बीन  कर सार्वजनिक किया जाता है।
       इन्डेप्थ रिपोर्ट:  सार्वजानिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान-बीन कर उसके महत्त्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है ।
       विश्लेषणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या का विवरण सूक्ष्मता के साथ विस्तार से दिया जाता है । रिपोर्ट अधिक विस्तृत होने पर कई दिनों तक किस्तों में प्रकाशित की जाती है ।
       विवरणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या को  विस्तार एवं बारीकी के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
       फ्लैश या ब्रेकिग कोई बड़ी खबर कम शब्दों में दिखाई जाए वही ब्रेकिग न्यूज़ है|जैसे मोदी जी प्रधानमंत्री बने आदि |
       विचारपरक लेखन : समाचार-पत्रों में समाचार एवं फ़ीचर के अतिरिक्त संपादकीय, लेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तम्भ छपते हैं । ये सभी विचारपरक लेखन के अन्तर्गत आते हैं ।
   किसी समाचार पत्र तीन प्रकार के पत्रकार होते है
       पूर्ण कालिकये किसी समाचार पत्र के नियमित वेतन भोगी कर्मचारी(पत्रकार) होते है|
       अंशकालिक पत्रकार(स्ट्रिगर )किसी समाचार पत्र में निश्चित मानदेय( धनराशि ) के आधार पर काम करते है| ये कई समाचार पत्र में काम कर सकते है |
       -फ्रिलासर पत्रकार( स्वतंत्र पत्रकार)ये किसी समाचार पत्र के वेतनभोगी नहीं होते है | ये भुगतान के आधार पर किसी भी समाचार पत्र या संगठन को समाचार देते है |
       समाचार लेखन की शैली को उल्टा पिरामिड शैली कहते है | इस में सबसे महत्वपूर्ण बाते पहले लिखी जाती है उसके बाद कम महत्वपूर्ण बाते लिखी जाती है अंत में सबसे कम महत्व की बाते |
         -समाचार में छह ककार का महत्व होता है     १:क्या,२: कब,३: कहाँ,४: कौन,५: कैसे,६: क्यों
              समाचार लेखन के तीन अंग है१ शीर्षकहेडलाइन   २ मुखड़ा किसी समाचार के पहले अनुछेद या प्रथम तीन चार पंक्तियों लिखी गयी बाते मुखड़े के अतर्गत आती है इसमें सामान्यतया चार ककार आते है--१:क्या,२: कब,३: कहाँ,४: कौन |इस में घटना के बारे में सूचना होती है पर उसका विवरण नहीं, जिससे पाठक के मन में जिज्ञासा उत्पन्न हो|
        निकाय( बोडी) इस में समाचार का विस्तार से वर्णन किया जाता है | इसमें पहले यह बताया जाता है घटना कैसे घटी फिर यह बताया जाता है की घटना क्यों घटी, अत: शेष दोनों ककार इस क्रम में आते है| --१ : कैसे,२ :क्यों

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