जिस प्रकार मैं अगर तुम्हारा परिचय पुछु तो तुम परिचय में अपना नाम,पिता का नाम, रहने का स्थान आदि बताते हो उसी प्रकार पद का परिचय पद का परिचय होता है |
जैसे – राम घर जाता है |
तो इसमें राम,घर,जाना पद है इनका व्याकरणिक परिचय ही पद परिचय है |
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य
है-- वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
संज्ञा का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी होनी चाहिए :--
1.संज्ञा का भेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ पद का संबंध
राम – व्यक्ति वाचक, पुलिंग,एक वचन,कर्ता कारक,जाता क्रिया का करता
घर- जाति वाचक संज्ञा ,पुलिंग ,एक वचन,कर्म
कारक,जाता क्रिया का कर्म|
1.सर्वनाम का भेद उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ संबंध
राम ने उसे मारा |
उसे- पुरूष वाचक सर्वनाम(,एक वचन,लिंग- पुलिंग या स्त्री लिंग (कोई भी हो सकता है),कर्म कारक,
1.भेद,उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.विशेष्य
1.भेद (कर्म के आधार पर)
2.लिंग
3.वचन
4.धातु
5.काल
6.कर्ता का संकेत
जाता- सकर्मक क्रिया, पुलिंग,एक वचन,वर्तमान काल,राम इसका कर्ता है
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