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शुक्रवार, सितंबर 25, 2020

महात्मा गाँधी के विचार

  1. बुराई के साथ असहयोग करना  उतना ही कर्तव्य परायण है जितना कि अच्छे के साथ सहयोग।
  2. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
  3. आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  4. एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां  के जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
  5.  वास्तविक    ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, उसमें  सामंजस्य  हों।
  6. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र वह इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
  7. धर्म हृदय का विषय है। कोई भी शारीरिक असुविधा किसी के अपने धर्म को छोड़ने का अधिकार नहीं कर सकती।

  8. मेरे पास दुनिया को सिखाने के लिए कुछ नया नहीं है। सत्य और अहिंसा पहाड़ियों की तरह पुराने हैं। मैंने जो कुछ भी किया है, वह दोनों में प्रयोगों का प्रयास करने के लिए है जितना कि मैं कर सकता हूं।

  9. मैं दुनिया में घेरने वाली निराशा के बीच अपने प्रकाश को महसूस कर रहा हूं।

  10. अपने प्रयोजन  में दृढ  विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। 
  11. मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।
  12.  अहिंसा मेरी पुस्तक का पहला लेख हैं और पुस्तक का आखरी लेख भी यही है। 

  13. पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।

  14. हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।

  15. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं|

  16. किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं.

  17. आप भी अपने आप में वह परिवर्तन लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।

  18. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। 

  19. मानव प्रकृति स्वयं को तभी पाएगी जब उसे पूर्ण रूप से यह पता चले कि मानव होने के लिए उसे जानवर या क्रूर होना बंद करना होगा।

  20. एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।

  21. तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।

  22. हिंसा मानवीय कमजोरी की एक रियायत है, सत्याग्रह एक दायित्व है।

  23. एक धर्म जो व्यावहारिक मामलों के कोई दिलचस्पी नहीं लेता है और उन्हें हल करने में कोई मदद नहीं करता है वह कोई धर्म नहीं है

  24. लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना

  25. कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।

  26. प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।

  27. आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते

  28. पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।

  29. व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता हैं।

  30. क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।

  31. जब तक विनम्रता और सीखने की इच्छा न हो तब तक कोई ज्ञान अर्जित नहीं किया जा सकता।

  32. एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।

  33. चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा। नहीं.-मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं। और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ

  34.  धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है

  35. मैं किसी को भी अपने गंदे पाँव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा।

  36. हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा.

  37. चरित्र के बिना ज्ञान केवल बुराई को शक्ति देता है। 

  38. व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है

  39. आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।

  40. विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।

  41. श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास

  42. नई दुनिया के निर्माण के लिए शिक्षा भी नए प्रकार की होनी चाहिए।


  43. राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।

  44. पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।

  45. आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता। 

  46. अपने प्रयोजन में द्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।

  47. किसी संस्कृति को नष्ट करने के लिए आपको किताबें नहीं जलानी होंगी। बस लोग उन्हें पढ़ना बंद कर दें।


  48. खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो।

  49. थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।

  50. मानव प्रकृति स्वयं को तभी पाएगी जब उसे पूर्ण रूप से यह पता चले कि मानव होने के लिए उसे जानवर या क्रूर होना बंद करना होगा

  51. आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है; यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।

  52. स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।

  53. शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है

  54.  विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता हैं  

  55. कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।

  56. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।

  57. विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है।

  58. भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या कर रहे हैं।

  59. एक अच्छा इंसान हर सजीव का मित्र होता हैं।

  60. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया ” नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।

  61. किसी देश की संस्कृति लोगों के दिलों में और आत्मा में निवास करती हैं।

  62. पने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है

  63. सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो।

  64. कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसे सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।

  65. यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है। 

  66. यह स्वास्थय ही है जो हमारा  धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ नहीं

  67. एक राष्ट्र की संस्कृति उसमे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।

  68. सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं, बस उनके दृष्टिकोण अलग-अलग हैं।

  69. कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.

  70. कोई भी हमारे आत्म सम्मान के साथ नहीं खेल सकता, जबतक हम इसकी इज़ाज़त न दें।

  71. शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है, केवल शांति है।

  72. यह  सम्भव है कि  आप सोने को और अधिक चमकीला बना दें, पर कौन हैं जो अपनी माँ को और अधिक सुन्दर बना सकता है।

  73. मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?

  74. एक राष्ट्र की संस्कृति लोगों के दिलों में और आत्मा में बसती है।

  75. गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये  गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में।

  76. प्रयास करने में ही संतोष निहित हैप्राप्ति में नहीं। आपका पूर्ण प्रयास ही आपकी पूर्ण विजय है।

  77. जब तक आप किसी को वास्तव में खो नहीं देते, तब तक आप उसकी अहमियत नहीं समझते।

  78. प्रार्थना करने में शब्दों से ज्यादा  दिल का होना जरूरी हैं। बिना दिल के शब्दों से की गई प्रार्थना निरार्थक हैं। 

  79. एक भूखें के लिए रोटी ही उसका भगवान है।

  80. चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।

  81. हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है। 

  82. आप जो करते हैं वह नगण्य होगा. लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है

  83.  ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है

  84. गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.

  85. मौन रहना सबसे सशक्त भाषण है। धीरे-धीरे ये दुनिया आपको जरूर सुनेगी।

  86. गरीबी हिंसा का सबसे भयानक  रूप है।

  87. बुराई को सहना भी उतना ही बुरा है जितना खुद बुराई करना।

  88. गुस्सा और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं

  89. कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है. 

  90. शक्ति शारारिक क्षमता से नहीं आती बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है।

  91. : सच्ची ख़ुशी तब  मिलती है जब आप जो कहते हैं, और आप जो करते हैं उसमे सामंजस्य होता है।

  92. भगवान है, भले ही पूरी दुनिया इस बात को इनकार करती हो। सच हमेशा अटल रहता है, यद्यपि कोई जन समर्थन न भी हो।

  93. दुनिया के सभी धर्म, हर मामले में भिन्न हो सकते हैं, पर सभी एकजुट रूप से घोषणा करते हैं कि इस दुनिया में सत्य के अलावा कुछ भी नहीं रहता है।

  94. पैसा कोई बुराई नहीं है, उसका गलत प्रयोग करना बुराई है। किसी न किसी रूप में पैसे की जरूरत हमेशा रहेगी।

  95. आप असत्य को कितना भी बढ़ा चढ़ा कर बोलें, वो सत्य नहीं बन जाता। इसी तरह सत्य भी असत्य नहीं बनता।

  96. मैं हमेशा व्यक्ति के अच्छे गुणों को देखता हूँ। 

  97. आप जैसा भोजन करेंगे, वैसा सोचेंगे भी

  98. एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है।

  99. मैंने सेवा और त्याग की भावना के जीवित अवतार के रूप में स्त्री की पूजा की है।

  100. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।

  101. मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
     

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