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रविवार, सितंबर 27, 2020

कैमरे में बंद अपाहिज के प्रश्नोत्तर

  ( 1) दूरदर्शन के संचालक स्वयं को कैसा मानते हैं ?

उत्तर मीडिया स्वयं को समर्थ, शक्तिशाली  मानता वह  दुख – दर्द , यातना- संवेदना को बेचने का प्रयास करता है

2. ( 2)हम एक दुर्बल को लाएँगे  इस पंक्ति का व्‍यंग्‍यार्थ स्पष्ट करें  ?

उत्तर- इस पंक्ति में कवि ने मीडिया के अंहकार से युक्त सोच पर व्यंग्य किया है क्योंकि मिडिया अपने को सर्व शक्तिमान समझता है तथा आम आदमी को शक्तिहीन तथा असमर्थ समझता है

 ( 3)कार्यक्रम एंकर अपाहिज से  क्या-क्या प्रश्न पूछता है ?

उत्तर- कार्यकम के एंकर अपाहिज से इस प्रकार का प्रश्न पूछता है जिससे उसकी भावने और दुःख  उसकी आँखों पर दिखाई दे |

   तो आप क्‍या अपाहिज हैं ?

      तो आप क्‍यों अपाहिज हैं ?

      आपका अपाहिजपन तो दुःख देता होगा ,  देता है

( 4)दूरदर्शन का संचालक  एक और कोशिश क्यों करने के बारें में कहता ?

उत्तर-- दूरदर्शन का  संचालक एक और कोशिश इसकारण  करना चाहते हैं ताकि इस बार वे अपाहिज की तस्वीर को अधिक संवेदनशील तरीके से  दिखा सकें जिससे दर्शक की संवेदना को अपाहिज की संवेदना से जोड़ दे और उसके चैनल TRP बढ़ सके |

( 5) एंकर कौन सा  कार्य एक  साथ क्या करना चाहता है ? क्यों

उत्तर- एंकर  एक साथ अपाहिज और दर्शकों को रुलाना चाहता है| जिससे उसका चैनल अधिक देखा जा सकें |

( 6) एंकर  कैमरे वाले को क्या निर्देश देता है और क्यों?

 एंकर कैमरे वाले को अपंग की बड़ी -बड़ी  तस्वीर  दिखाने के लिए कहता है ताकि आम जनता की सहानुभूति उस व्यक्ति के साथ हो जाए और कार्यक्रम अधिक से अधिक  लोकप्रिय हो सके।

( 7)परदे पर किसकी कीमत है और क्यों ?

उत्तर-परदे पर समय की कीमत है क्योंकि पहले से कार्यक्रम निश्चित होते है, उन कार्यक्रमों से उसके चैनल को विज्ञापन मिलता है | विज्ञापन से धन मिलता है

( 8)दूरदर्शन वालों ने अपने कार्यक्रम को कैसा बताया है ?

उत्तर – सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम

( 9 )कविता में  कवि ने दूरदर्शन के कार्यक्रम-संचालकों की किस मानसिकता को  यहाँ उजागर करने का  प्रयास किया  हैं?

  उत्तर-- कवि ने  कविता में कार्यक्रम-संचालकों की व्यावसायिकता को उजागर किया है। वे क्रूरता की  हदें पार कर जाते हैं|वे अपाहिज के कष्ट को कम करने की बजाय उसे बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। 

( 10 )दूरदर्शन का एंकर किस अवसर की प्रतीक्षा में रहता  हैं? और क्यों 

दूरदर्शन का एंकर  इस अवसर की प्रतीक्षा में रहता  हैं कि उनके सवालों से सामने बैठा अपाहिज  रो पड़े, जिससे  उनका कार्यक्रम अत्यंत  रोचक बन सके।

(11)  परदे पर वक्त की कीमत हैकहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नजरिया किस रूप में रखा है?

कवि ने पुरे   साक्षात्कार के प्रति  यह दृष्टिकोण अपनाया है कि यह कार्यक्रम सामाजिक उद्देश्य से युक्त नहीं  बल्कि यह एक व्यावसायिक कार्यक्रम है । दूरदर्शन व कार्यक्रम-संचालक को लोगों की भावना और  पीड़ा से कोई  सरोकार नहीं है । उनकों तो केवल  अपने कार्यक्रम को कम-से-कम समय में लोकप्रिय करने की चाह होती हैं। अपंग की पीड़ा को कम करने की बजाय अधिक करके दिखाया जाता है ताकि करुणा को "नगदी " में बदला जा सके। यह कार्यक्रम केवल एक तरह का सोचा समझा ड्रामा है |











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