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मंगलवार, जुलाई 12, 2011

कोशिका

वनस्पति   विज्ञानं  का  जनक- थ्रियोफ्रेस्ट्स   नामक वनस्पति शास्त्री था |पुस्तक--HIstoria plantrum
अरस्तु ने अपनी   पुस्तक HIstoria Animalium में  ५०० जन्तुओ  का वर्णन किया |अरस्तु को जन्तु विज्ञानं का जनक कहा  जाता है |

कैरोलस लिनिस को वर्गिकी का जनक  कहा जाता है |पुस्तक --je nera planTeram /sistema nechuri /,klases planteram ,/ philasophiya   barteka  है
आर . एच . हेट्टेकर(१९६९) ५ जगत  प्रणाली  का प्रतिपादन किया | इसमे इन्होने जीवो को ५ भागो में बाटा-

१- मोनेरा - प्रोकैरियोटिक जीव

२- प्रोटिस्टा - एक कोशकीय जीव

३ पादप - रंगीन  बहुकोशाकीय जीव

४ कवक
५ एनिमेलिया -हाईड्रा ,,जेलीफिश ,उभयचर  आदि
जीवो का नाम करण द्विनाम  पद्धति पर होता है |जैसे - मानव का  होमोसेपियंस लिन है| होमो  उस वंश   का नाम है जिसकी एक जाति  सेपियंस   है| इस प्रणाली के जनक  कैरोलस लिनिस है |

 कोशिका --

कोशिका की  खोज  सन  १६६५ में राबर्ट हुक ने  की थी |
जीवो के जीवन का मैलिक आधार जीव द्रव है|जिसकी खोज जे. ई .पुर्किजे  ने की थी | जीव द्रव का ८०% भाग जल होता है |यह दो  भागो में बटा होता है-(१)-कोशिका द्रव्य (२) केन्द्रक द्रव |
दो जर्मन वैज्ञानिक श्लाइडन और टी श्वान  ने  कोशिका सिद्धांत दिया  |

सभी प्राणियों का शरीर कोशिका से  बना होता है |

यह जैविक क्रियाओ  या मेटाबोलिक क्रियाओ  की इकाई  को प्रदर्शित  करती  है |
कोशिका अनुवाशिक  इकाई है तथा इन में अनुवाशिक गुण होता है|
नवीन कोशिका पूर्व वर्ती कोशिकाओं  से बन सकती है|
किसी भी जीव में होने  वाली  सभी क्रियाए उसकी घटक कोशिका में होती  है या  कोशिका के ही करण होती है
कोशिका की  आकृति  -कोशिकाए अपने कार्य  की प्रकृति के अनुसार लम्बी गोलाकार चपटी होती है |मोटाई१० micron से २०० micron   तक होती है |(1micron = १/1000 m .m   होता है )

- सबसे छोटी कोशिका माइक्रोप्लाज्मा गौलोसेप्तिकम  है| जिसे प्ल्यूरोंयुमोनिया लाइक ऑर्गेनिजम P .P .L .O . कहते है|  इसकी  map .१ माइक्रो मीटर होता है |
सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग  का अंडा है |(170m *135m )
सबसे लम्बी  कोशिका तंत्रिका तंत्र है | ९० c.m तक |
लाल रूधिर कण .७ माइक्रो मीटर की होती है |
कोशिका के तीन अंग  है -(१) cell membrane -कोशिका झिल्ली  वसा  तथा  प्रोटीन की बनी  एक अर्ध पारगम्य  झिल्ली  होती है|  जो  कोशिका और उसके बाहर के आणविक  गति विधि का  कार्य करती है  |
cell wall --कोशिका भित्ति  केवल पादप कोशिका में होती है |यह कोशिका झिल्ली को बाहरी आघातों  से बचाती है |यह हरे पौधे, शौवल में सैल्यूलोज की बनी है तथा जीवाणु एवं कवक की कोशिका भित्ति कार्बोहाइड्रेट  की बनी होती है |
(२) nucleus - केन्द्रक  की खोज राबर्ट ब्राउन ने १८३१ में की थी | nucleus  में निम्न संरचना  होती है
१ nuclear memberane -प्रोटीन तथा वसा की बनी दो सतहों की झिल्ली है |दोनों सतहों के मध्य १० से ५० नैनोमीटर का रिक्त स्थान होता है |जिसे परिकेंद्र अवकाश कहते है |जिस कोशिका में झिल्ली युक्त  केन्द्रक होता है उसे yukairiyaTik  जिसमे झिल्ली  युक्ता केन्द्रक नही होता है वह प्रोकैरियोटिक कहते है |
 (२)-nucleoplasma -केन्द्रक द्रव्य  केन्द्रक के अन्दर भरा  जीवद्रव्य है |यह प्रोटीन ,फास्फोरस और न्यूक्लिक अम्ल  का बना होता है |

(3) Nucleous -- केंद्रक के अन्दर एक अन्य गोलाकार रचना है |केंद्रिका के कार्य --
-r -RNA का केंद्रिका में संश्लेषण  होता है |
-केंद्रिका में बने RNA  को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में सहायक |
-राइबॊसोम यहाँ पर इकट्ठा  होता है |
केन्द्रक जाल--यह एक जाल जैसी संरचना है जिसमे क्रोमोटिन (खोज --फ्लेमिग )   नामकमोटे कण पाए जाते है जो अनुवांशिक पदार्थ है क्रोमोटिन में हिस्टोन(प्रोटीन )D .N .A , और R.N .A . के अणु होते है |जिसमे  D .N .A  अनुवांशिक  तत्व  है|

कोशिका विभाजन के समय क्रोमोटिन सिकुड़  कर छोटे मोटे धागों के रूप में संगठित  हो जाते है जिन्हें गुणसूत्र कहते है | मनुष्य की एक कोशिका में लगभग दो मीटर लम्बा D .N .A  सूत्र ४६ गुण सूत्रों (२३ जोडो ) में बिखरा पड़ा  है |

गुणसूत्र में जेली  के समान गाढ़ा भाग   होता है जिसे मैट्रिक्स कहते है|
क्रोमोनिमेटा  --मैट्रिक्स में परस्पर लिपटे  महीन एवं कुंडलित  सूत्र है|प्रत्येक क्रोमोनिमेटा एक अर्ध गुण सूत्र है |अथार्त प्रत्येक गुणसूत्र  दो अर्ध गुणसूत्र  से मिल कर बनता है |जिस स्थान पर ये आपस में मिलते   है वह   स्थान सेंटोमियर  है| गुणसूत्र में बहुत  से जिन होते है जो अनुवांशिकी के वाहक  होते है| गुण सूत्रों  का नाम करण डब्लू  वल्डेयर ने किया  था  | सेक्स क्रोमोसोम - ये लिंग निर्धारण  में  भाग लेते है | ये गुण सूत्र नर मादा  में अलग अलग पाए जाते है |

नोट- स्तनधारी  जीव  की रक्ताणु एवं संवहनी पोधो  में चानल  नलिका  की कोशिका में केन्द्रक नही पाया जाता है |

जीव                                   गुणसूत्र की संख्या

मच्छर                                    ६

घरेलु मक्खी                           १२
मधु मक्खी                           १६
चिपैजी                                 ४८
मनुष्य                                  ४६
कुत्ता                                    ७८
मटर                                  १४
गेहूं                                    ४२
कबूतर                                80
   जीव विज्ञानं,
 


  

     

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