दुर्गा पूजा आई है
खुशियों का पर्व लायी है |
मची है धूम सारे शहर में ,
भीड़ लगी है सब नगरो में |
बच्चे बूढ़े और जवान
पहन रहे कपडे नए और खा रहे स्वादिष्ट पकवान |
अब मेरा मन यहसोचे ,क्या खरीदू मैं अबकी बारमैं उठी झटपट
और भैया से पूछा फटाफट |
भईया ने कहा तुम खरीदो कंगना इस बार
मैंने मुंह लटका कर कहा कंगना तो लेती हूँ हर बार|
फिर शाम को चले हम करने माँ दुर्गा का दर्शन ,
और पहन लिए मैंने रंग बिरंगे कंगन
साथ मेरे मम्मी पापा और भईया
हम बच्चे बोले दुर्गा पूजा आई है खुशियोंका पर्व लाई |
मानताशा खान्दाकर
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