रविवार, फ़रवरी 07, 2016

ए मेरे परमपिता परमेश्वर , ए मेरे मालिक , ए मेरे खुदा तुम देना साथ मेरा |



    मैं एक आम लड़की हूँ | मैं किसी बड़े  खानदान से नहीं हूँ |मैं एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ | मैंने जीवन में कुछ करने का सपना देखा है| शायद मैं उसे पूरा कर सकू और हो सकता है, शायद न कर सकू | पर सपने देखने से मुझे कोई  नही रोक सकता है |
  मैं बड़ी होकर विज्ञान की पढाई करके अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनाना चाहती हूँ , जिससे मैं पृथ्वी जैसे एक सुन्दर ग्रह की खोज कर सकू |पर उससे पहले एक अच्छा इंसान बनाना चाहती हूँ |
इस कविता में मैंने अपने  नन्हे मन के भावों  को ईश्वर के सामने व्यक्त किया है |



ए मेरे परमपिता परमेश्वर , ए मेरे मालिक , ए मेरे खुदा
तुम देना साथ मेरा |
रहू जब भी मैं अकेली ,
आके तुम मेरे दोस्त बन जाना |
भटकू जब भी मैं कहीं ,
तुम आके मुझे राह दिखाना |
                   अगर कहीं मै रूक जाउँ ,
                                         आके हौसला मेरा बढ़ाना |
                        ए मेरे परमपिता परमेश्वर , ए मेरे मालिक , ए खुदा
तुम देना साथ मेरा |
अगर कहीं थक जाउँ
आके देना  ताकत मुझे |
अगर कभी मैं रोऊँ ,
आके हँसाना मुझे |
अगर कभी मैं रूठ जाउँ ,
आके मनाना मुझे |
अगर कहीं खिले न फूल ,
आके तुम उसे खिलाना |
ए मेरे परमपिता परमेश्वर , ए मेरे मालिक , ए खुदा
तुम देना साथ मेरा |
                                                                  प्रियंका शाह  
                                                                   कक्षा 9


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