§समान
धर्म,स्वभाव,शोभा,गुण आदि के आधार पर जहाँ एक वस्तु की तुलना दूसरी वस्तु से की
जाती है | वहाँ उपमा अलंकार होता है |
§जहाँ
भिन्नता रहते हुए भी उपमेय की उपमान के साथ
समानता का कथन हो, वहाँ उपमा अलंकार होता है |
§उपमा
के अंग –
§उपमेय-
जिस वस्तु या व्यक्ति की समानता की जाती है,उसे उपमेय कहते है |
§उपमान
– जिस प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से उपमेय
की समानता की जाती है ,उसे उपमान कहते है |
§समान
धर्म– उपमेय और उपमान में जो गुण समान पाया जाता है ,या जिस सामान्य गुण की समानता
की जाती है , उसे समान धर्म कह्ते है |
§
वाचक शब्द– जिन शब्दों से समानता का
बोध हो| जिमि,इव,ज्यों,जैसे,सम ,सरिस आदि
पीपर पात सरिस मन डोला |
§नीलकमल
से सुंदर नयन |
§हरिपद
कोमल कमल से |
§मुख
बाल-रवि-सम लाल होकर
ज्वाला-सा-बोधित हुआ |
मंहगाई
बढ़ रही निरंतर द्रुपदसुता के चीर सी |
बेकारी
बढ़ रही चीरती अंतर्मन को तीर सी |
बरसा
रहा है रवि अनल
भूतल
तवा-सा जल रहा |
वह
नव-नलिनी से नयन वाला कहाँ है |
हाय
फूल-सी कोमल बच्ची
हुई
राख की थी ढेरी ||
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