मंगलवार, मई 05, 2020

उपमा अलंकार


§समान धर्म,स्वभाव,शोभा,गुण आदि के आधार पर जहाँ एक वस्तु की तुलना दूसरी वस्तु से की जाती है | वहाँ उपमा अलंकार होता है | 
§जहाँ भिन्नता रहते हुए भी उपमेय की उपमान के साथ  समानता का कथन हो, वहाँ उपमा अलंकार होता है |
§उपमा के अंग –
§उपमेय- जिस वस्तु या व्यक्ति की समानता की जाती है,उसे उपमेय कहते है |
§उपमान – जिस प्रसिद्ध  वस्तु या व्यक्ति से उपमेय की समानता की जाती है ,उसे उपमान कहते है |
§समान धर्म– उपमेय और उपमान में जो गुण समान पाया जाता है ,या जिस सामान्य गुण की समानता की जाती है , उसे समान धर्म कह्ते है |
§ वाचक शब्द– जिन शब्दों से समानता का बोध हो| जिमि,इव,ज्यों,जैसे,सम ,सरिस आदि


पीपर पात
सरिस मन डोला |
§नीलकमल से सुंदर नयन |
§हरिपद कोमल  कमल से |

§मुख बाल-रवि-सम लाल होकर
  ज्वाला-सा-बोधित हुआ |

मंहगाई बढ़ रही निरंतर द्रुपदसुता के चीर सी |
बेकारी बढ़ रही चीरती अंतर्मन को तीर सी |

बरसा रहा है रवि अनल
भूतल तवा-सा जल रहा |
वह नव-नलिनी से नयन वाला कहाँ है |
हाय फूल-सी कोमल बच्ची
हुई राख की थी ढेरी ||

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