रेगुलेटिंग एक्ट
1773 की कमियों को दूर करने के लिए एक्ट ऑफ सैटलमेंट 1781 पारित किया गया |उसके
बाद 1784 में पिट्स इण्डिया एक्ट पारित किया गया | इस एक्ट की महत्वपूर्ण विशेषता
इस प्रकार है |
कंपनी के राजनैतिक
और वाणिज्यिक कार्यो को पृथक किया गया |कंपनी के राजनैतिक मामलों पर नियंत्रण के
लिए नियत्रण बोर्ड ( बोर्ड ऑफ कंट्रोल) नाम से एक निकाय का गठन किया गया | इस
प्रकार से द्वैध शासन की व्यवस्था का
आरम्भ किया है |
पहली बार कम्पनी के
अधीन के क्षेत्र को ब्रिटिश आधिपत्य का क्षेत्र कहा गया |
ब्रिटिश सरकार में
कम्पनी के कार्यों और इसके प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान किया गया |यह नियंत्रण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से किया गया
| नियंत्रण बोर्ड भारत के सभी नागरिक सैन्य सरकार व् राजस्व गतिविधियों पर
नियंत्रण करें |
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