शुक्रवार, अक्टूबर 25, 2019

अंतिम मुगल सम्राट

औरंगजेब की मृत्यु 1707 मे होती है , उसके बाद उसके पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध आरम्भ हो जाता है ।
उसके सबसे बड़े पुत्र मुहम्मद मुअज्ज़म ने 18जून 1707 में जजाऒ नामक जगह पर आज़म को और हैदराबाद के समीप 13जनवरी 1709 को काम बख्श को मार डाला ।
वह बहादुरशाह प्रथम के नाम से सिंहासन पर बैठा ।

27फरवरी 1712 को बहादुरशाह का देहांत हो जाता है ।उसके बाद बहादुरशाह के चारॊ पुत्रॊ में सिंहासन के लिए युद्ध आरम्भ हो गया है ।
उसके पुत्रॊं मे जहादार शाह ईरानी दल के नेता जुल्फिकार खां की सहायता से अज़ीम उस शान , रफी उस शान और जहान शाह को परास्त कर 10 मास( मार्च 1712 से फरवरी 1713 )  के लिए शासक बना ।
जुल्फिकार उसका प्रधानमंत्री बना ।
11फरवरी 1713  फर्रूखसीयार ने सैयद बंधुओं की सहायता से जहादार शाह को मार कर गद्दी प्राप्त कर अपने पिता अज़ीम -उस-शान का बदला ले लिया ।
सैय्यद बंधुओं ने ही मराठॊ की सहायता से इसका गला दबा कर मार दिया ।
फर्रूखसीयार  की मृत्यु के बाद तीन मुगल शासक बने पहला रफी- उद - दरजात , रफी -उद- दौला और फिर  बादशाह मुहम्मद शाह(17 सितम्बर 1719 से अप्रैल 1748 ) सम्राट रहे।
उसके बाद अहमद शाह (1748 से 1754 तक)
आलमगीर द्वितीय (1754 से 1759)
शाह आलम द्वितीय (1759 से 1806)
अंतिम बद नसीब मुग़ल सम्राट बहादुरशाह ज़फ़र ( 1806से 1858) था। जिसे दफनाने केलिए अपनी जन्मभूमि में दॊ गज जमीन भी नहीं मिली।

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