समय- 3 घंटे अंक- 80
1 .निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के
उत्तर लिखिए - 4
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
आज सिन्धु ने विष उगला है लहरों का यौवन मचला है
आज ह्रदय में और सिन्धु में साथ उठा है ज्वार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
लहरों के स्वर में कुछ बोलो इस अंधड़ में साहस तोलो
कभी कभी मिलता जीवन में तूफानों को प्यार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
यह असीम निज सीमा जाने सागर भी तो यह पहचाने
मिटटी के पुतले मानव ने मानी कभी न हार । ।
क.
काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक
दीजिये ।
ख.
कवि के हृदय और सिन्धु में क्या
समानता है ?
ग.
जब जीवन में तूफानों का प्यार
मिले तो क्या करना चाहिए ?
घ.
कवि सागर को क्या समझाना चाहता है
?
2.सुचारित्य
के दो सशक्त स्तम्भ है –प्रथम सुसंस्कार और द्वितीय सत्संगति । सुसंस्कार भी पूर्व जीवन की सत्संगति व्
सत्कर्मों की अर्जित संपत्ति है और सत्संगति वर्तमान जीवन की दुर्लभ विभूति है । जिस
प्रकार कुधातु की कठोरता और कालिख ,पारस के स्पर्श मात्र से कोमलता और कमनीयता में
बदल जाती है ठीक उसी प्रकार कुमार्गी का कालुस्य सत्संगति से स्वर्णिम आभा में परिवर्तित हो जाता
है । सतत संगती से विचारों को नयी दिशा मिलती है और अच्छे विचार मनुष्य को अच्छे
कार्य करने के लिए प्रेरित करते है ,परिणामत: सुचरित्र का निर्माण होता है । आचार्य हजारी प्रसाद द्विदी ने लिखा है – महाकवि
टैगोर के पास बैठने मात्र से ऐसा प्रतीत होता था मानो भीतर का देवता जाग गया हो ।
वस्तुतः चरित्र से ही जीवन की सार्थकता है । चरित्रवान
व्यक्ति समाज की शोभा है ,शक्ति है । सुचारित्य से व्यक्ति ही नही समाज भी सुवासित
होता है और इस सुवास से राष्ट्र यशस्वी बनता है । विदुर जी की उक्ति अक्षरत: सत्य है कि सुचरित्र
के बीज भले ही हमे वंश परम्परा से प्राप्त
हो सकते है पर चरित्र निर्माण व्यक्ति के अपने बलबूते पर निर्भर है । आनुवांशिक परम्परा परिवेश और परिस्थिति उसे केवल
प्रेरणा दे सकते है पर उसका अर्जन नही कर सकते ; वह व्यक्ति को उत्तराधिकार में
प्राप्त नही होता ।
व्यक्ति विशेष के शिथिल चरित्र होने से पूरे राष्ट्र पर
चरित्र संकट उपस्थित हो जाता है क्योंकि व्यक्ति पूरे राष्ट्र का एक घटक है । अनेक व्यक्तियों से मिलकर एक परिवार ,अनेक
परिवारों से एक कुल ,अनेक कुलों से एक जाती या समाज और अनेकानेक जातियों समाज व
समुदायों से मिलकर ही एक राष्ट्र बनता है । आज जब लोग राष्ट्रीय चरित्र निर्माण की बात करते
है , तब से स्वयं वे उस राष्ट्र के आवश्यक घटक है ,इस बात को विस्मृत कर देते है ।
क.सत्संगति
कुमार्गी को कैसे सुधारती है , उदाहरण से समझाइए । १
ख.चरित्र
के बारे में विदुर के क्या विचार है ? २
ग.व्यक्ति
विशेष का चरित्र समूचे राष्ट्र को कैसे प्रभावित करता है । १
घ.व्यक्ति
के चरित्र निर्माण में किस किस का योगदान होता है ? १
ड.संगति
के संदर्भ में पारस के उल्लेख से लेखक क्या प्रतिपादित करना चाहता है ? १
च.
व्यक्ति सुसंस्कृत कैसे बनता है ,स्पष्ट कीजिए । १
छ.
आचरण उच्च बनाने के लिए व्यक्ति को क्या प्रयास करने चाहिए ? १
ज.
गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए । १
झ.
सु और कु उपसर्गों से एक एक शब्द बनाइए । २
ण.
चरित्रवान और परिवेश में प्रयुक्त उपसर्ग और प्रत्यय अलग कीजिए । १
3. निम्नांकित में से किसी एक विषय पर अनुच्छे लिखिए – ५
क.भ्रष्टाचार
: कारण और निवारण
ख.इक्कीसवीं
सदी का भारत
ग.
बदलते समाज में महिलायों की स्थिति
घ.
बढ़ता प्रदूषण और जन स्वास्थ्य
4.
किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए कि महंगी होती जा रही शिक्षा के
कारण युवा वर्ग अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ है – सस्ती शिक्षा हेतु अपने
सुझाव भी दीजिये । ५
अथवा
अधीक्षक,खानपान
विभाग,रेल भवन,नईं दिल्ली को पत्र लिखकर रेल यात्रा के दौरान खाने पीने की उचित
सामग्री न मिलने की शिकायत कीजिए ।
5.निम्नांकित प्रश्नों के सक्षेप में उत्तर दीजिए – ४
क.उल्टा
पिरामिड शैली से आप क्या समझते है ?
ख.
वाचडॉग पत्रकारिता से क्या आशय है ?
ग.
लाइव किसे कहते है ?
घ.
हिंदी के दो राष्ट्रीय समाचारपत्रों के नाम लिखिए ।
6. खेती की जमीन पर फैक्ट्री और सड़कें बनाने के सरकारी फैसले पर अपने विचार प्रस्तुत
करते हुए एक आलेख लिखिए अथवा हाल ही में पढ़ी हुई किसी पुस्तक की समीक्षा लिखिए । ३
7. कविता लेखन के आवश्यक अंग क्या है ?३
खंड –ग
8.काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – ६
मै
यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ ,उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ
जो
मुझको बाहर हंसा रुलाती भीतर मै हाय किसी की याद लिए फिरता हूँ
कर
यत्न मिटे सब सत्य किसी ने जाना ? नादाँ वहीं है हाय जहां पर दाना
फिर
मूढ़ न क्या जग जो इस पर भी सीखे ? मै सीख रहा हूँ सीखा ज्ञान भूलाना
क. कवि
जीवन में क्या लिए घूमता है ?
ख. कवि
को बाहर भीतर क्या हंसाता रुलाता है ?
ग. नादाँ
वही है ,हाय जहां पर दाना – ऐसा कवि ने क्यों कहा होगा ?
अथवा
खेती
न किसान को भिखारी को न भीख ,बलि ,बनिक को बनिज ,न चाकर को चाकरी
जीविका
बिहीन लोग सीद्यमान सोचबस कहा एक एकन सो कहाँ जाई का करी
बेदहु
पुराण कही लोक बिलोकिअत ,सांकरे सबै पै राम रावरे कृपा करी
दारिद
दसानन दबाई दुनी दीनबंधु दुरित दहन देखि तुलसी हहा करी । ।
क.कविता
और कवि का नाम लिखिए ।
ख.तुलसी
के समय की आर्थिक स्थिति कैसी थी ?
ग.वेदों
में क्या कहा गया है ?
9. काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये – ४
प्रात:
नभ था बहुत नीला शंख जैसे /भोर का नभ /राख से लीपा हुआ चौका
(अभी
गीला पड़ा है ) बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गयी हो
स्लेट
पर या लाल खडिया चाक मल दी हो किसी ने
क.प्रस्तुत
काव्यांश का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए ।
ख.उपमा
अलंकार का उदाहरण चुनकर लिखिए ।
अथवा
नहला
के छलके छलके निर्मल जल से /उलझे हुए गेसुयों में कंघी करके
किस
प्यार से देखता है बच्चा मुहं को /जब घुटनियों में ले के पिन्हाती कपड़े
क. प्रस्तुत
काव्यांश का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए ।
ख. काव्यांश
की भाषागत विशेषताए बताइए ।
10. किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए – ६
क. भाषा को सहूलियत से बरतने का क्या तात्पर्य है ?
ख. सहर्ष स्वीकारा है कविता के आधार पर बताइए
कि कवि के पास जो भी कुछ है वह मौलिक और
विशिष्ट कैसे है ?
ग. कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखोटे में
छिपी क्रूरता की कविता है – विचार कीजिए।
11. प्रस्तुत गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के
उत्तर लिखिए – ६
बाजार में एक जादू है । वह जादू आँख की राह काम करता है , वह रूप का
जादू है , पर जैसे चुम्बक का जादू लोहे पर ही चलता है वैसे ही इस जादू की भी
मर्यादा है । जेब भरी हो , और मन खाली हो,ऐसे हालात में जादू का असर खूब होता है ।
जेब खाली पर मन भरा न हो तो भी जादू चल
जाएगा। मन खाली है तो बाजार की अनेकानेक चीजो का निमन्त्रण उस तक पहुंच जाएगा। कहीं
उस वक्त जेब भी भरी हो तो तब फिर वह मन किसकी मानने वाला है । मालूम होता है यह भी लूँ वह भी लूँ । सभी सामान
जरूरी और आराम को बढाने वाला मालूम होता है । पर यह सब जादू का असर है । जादू की
सवारी उतरी कि फैंसी चीजों की बहुतायत आराम में मदद नहीं देती, बल्कि खलल ही डालती
है ।
क.बाजार के जादू को रूप का
जादू क्यों कहा गया है ?
ख.बाजार के जादू की
मर्यादा स्पष्ट कीजिए।
ग.बाजार का जादू किस
प्रकार के लोगों को लुभाता है ?
अथवा
चार्ली की अधिकांश फिल्में भाषा का इस्तेमाल
नही करती इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा मानवीय होना पड़ा ।सवाक चित्रपट पर कई बड़े
बड़े कामेडियन हुए लेकिन वे चेपलिन की सार्वभोमिकता तक क्यों नही पहुंच पाए इसकी पड़ताल
होनी अभी बाकी है । चार्ली का चिर युवा
होना या बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही । सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि वे किसी भी
संस्कृतिको विदेशी नही लगते । यानी उनके आसपास जो भी चीजे ,अड़ंगे ,खलनायक ,दुष्ट
औरतें आदि रहते है वे एक सतत विदेश या प्रदेश बन जाते है और चेपलिन हम बन जाते है ।
चार्ली के सारे संकटों में हमें यह भी
लगता है कि यह मै भी हो सकता हूँ लेकिन्ब मै से ज्यादा चार्ली हमें हम लगतें है । यह सम्भव है कि कुछ अर्थों में बस्टर कीटन
चार्ली चेपलिन से बड़ी हास्य प्रतिभा हो लेकिन कीटन हास्य का काफ्का है जबकि चैप्लिन
प्रेमचंद के ज्यादा नजदीक है ।
क. चार्ली
की फिल्मों को मानवीय क्यों होना पड़ा ?
ख. चार्ली चैपलिन की सार्वभौमिकता का क्या कारण है ?
ग. चार्ली
की फिल्मों की क्या विशेषता है ?
12.निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही चार प्रश्नों
का उत्तर दीजिए –
क.
भक्तिन व् लेखिका के बीच कैसा सम्बन्ध था ? ३
ख.
बच्चों की टोली को मेढक मण्डली और इन्दर सेना नाम
क्यों दिए गये ? जीजी ने इन्दर सेना पर पानी फेंकने को सही क्यों ठहराया ? ३
ग.
लुट्टन पहलवान ढोल को ही अपना गुरु क्यों मानता था ? २
घ.
मानचित्र पर इफक लकीर खींच देने से जमीन और जनता नही बंट सकते ,नमक
कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिये । २
13. सिल्वर वेडिंग कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के
चरित्र की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए और लेखक का सन्देश भी स्पष्ट कीजिए । ४
14.
I. जूझ
कहानी के आधार पर श्री सौंदलगेकर के व्यक्तित्व
की उन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए जिनके कारण लेखक के मन में कविता के प्रति
लगाव उत्पन्न हुआ । ४
II. डायरी
के पन्ने पाठ के आधार पर बताइए कि ऐन फ्रैंक की डायरी उसकी निजी भावनाओं की उथल पुथल का दस्तावेज है
। ४
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