सम्प्रदान-
देना अथवा प्रदान करनेवाले – परसर्ग को,के लिए
राम नहाने को(के लिए) गया|
माँ बच्चे को(के लिए)मिठाई देती है |
अभिराम श्याम के लिए आम लाया |
अपादान कारक- किसी से अलग होने के अर्थ में
परसर्ग –से | जब कोई वस्तु किसी से हमेशा से अलग न हो
पेड़ से पत्ते गिरते है|
हिमालय से गंगा निकलते है |
घुड़सवार घोड़े से गिरता है
यान की गति तीव्र है|
कमल की किताब मेज पर है |
अधिकरण कारक- क्रिया या आधार को सूचित करनेवाली संज्ञा या सर्वनाम के स्वरुप को अधिकरण कारक कहते है |इसके विभक्ति चिन्ह में,पै,पर है |
सिंह वन में रहता है|
घर पर माँ है |
सड़क पर गाड़ी खड़ी है |
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