गुरुवार, जनवरी 12, 2023

संचार

 ž  संचार किसे कहते है ?
ž  संचार’ शब्द की व्युत्पत्ति चर’ धातु से हुई हैजिसका अर्थ है-चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना।
ž  संचार सिर्फ दो व्यक्तियों तक सीमित परिघटना नहीं है। यह हज़ारों-लाखों लोगों के बीच होने वाले जनसंचार तक विस्तृत है।
ž  अत: सूचनाओंविचारों और भावनाओं को लिखितमौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना ही संचार है
ž  इस प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद करने वाले तरीके संचार माध्यम कहलाते हैं। संचार के विभिन्न  प्रकार बताइए
       संचार एक जटिल प्रक्रिया है।इसके प्रकार कुछ इस प्रकार है
       मौखिक संचार
•   अंतरवैयक्तिक संचार

 समूह संचार
•  जनसंचार
मौखिक संचार : एक-दूसरे के सामने वाले इशारे या क्रिया को मौखिक संचार कहते हैं। इसमें हाथ की गतिआँखों व चेहरे के भावस्वर के उतार-चढ़ाव आदि क्रियाएँ होती हैं।
अंतरवैयक्तिक संचार- व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार करते हैं  इसे अंतरवैयक्तिक संचार कहते हैं। इस संचार की मदद से आपसी संबंध विकसित करते हैं और रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करते हैं। संचार का यह रूप पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों की बुनियाद है।
 समूह संचार- इसमें एक समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चा करता है। कक्षा-समूह इसका अच्छा उदाहरण है। इस रूप का प्रयोग समाज और देश के सामने उपस्थित समस्याओं को बातचीत और बहस के जरिए हल करने के लिए होता है।
जनसंचार : जब व्यक्तियों के समूह के साथ संवाद किसी तकनीकी या यांत्रिकी माध्यम के जरिए समाज के एक विशाल वर्ग से किया जाता है तो इसे जनसंचार कहते हैं। इसमें एक संदेश को यांत्रिक माध्यम के जरिए बहुगुणित किया जाता है ताकि उसे अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके। रेडियोअखबारटीवीसिनेमाइंटरनेट आदि इसके माध्यम हैं।
 
जन संचार के माध्यम-

1.       प्रिंट माध्यम

1.       रेडियो

1.       टेलिविज़न

1.       इंटरनेट 

                  प्रिंट माध्यम

  •               जन संचार का सबसे पुराना माध्यम
  •               मुद्रण का आरम्भ चीन से होता है
  •             आधुनिक छापेखाने ( प्रिटिंग प्रेस ) के अविष्कार का श्रेय  जर्मनी के           गुटेनबर्ग को जाता है |
  •        भारत का पहला छापा खाना गोवा में खुला था १५५६  (1556) में |
  •       प्रिंट माध्यम के अंतर्गत अख़बार ,पत्रिका,पुस्तके आती है |मुद्रित माध्यम की सबसे बड़ी विशेषता स्थायित्व होता है | रामायण कम से कम 2000 हजार पुराना है ,रामचरित मानस 500 साल पुराना

  इसे आप आराम से अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ सकते है न समझ में आये तो दुबारा  या बार बार पढ़ सकते है |
  लोगो में पढने की रुचि बढ़ता है एवं जन भाषा को बढ़ावा देता है |
  चिंतन विश्लेष्ण का एक सशक्त माध्यम है |

   प्रिंट माध्यम की सीमा या कमियाँ - 

  1.  यह माध्यम निरक्षरों के लिए  अनुपयोगी है 
  2.  मुदित माध्यम में तुरंत घटी घटना को  रेडियो ,टेलिविज़न  की तरह तुरंत नहीं दिखा सकते है 
  3.  प्रिंट माध्यम में स्पेस (स्थान ) सीमित होता है अत: उसका ध्यान रखना पड़ता है
  4.  छपाई के समय अशुद्धियो को विशेष ध्यान देना पड़ता है क्योंकि एक बार छप जाने पर उसमें अगले अंक तक कोई सुधार नहीं हो सकता है |
  — रेडियो  लेखन   

      रेडियो श्रव्य माध्यम है

                   इसमें सब कुछ ध्वनि,स्वर,और शब्दों का खेल है |

  1. इसमें श्रोताओं के रुचि का ख्याल  रखना पड़ता है |
  2. रेडियो मूलतः एकरेखीय( लीनियर ) माध्यम  है |
  3.   रेडियो समाचार भी उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता |
  4.                        रेडियो शब्द जनमानस में प्रचलित हो क्यों श्रोता को उसी समय उसका अर्थ पता होना चाहिए शब्द कोश देखने का समय नहीं होता है








 

 




 

कोई टिप्पणी नहीं:

कैसे करें कहानी का नाट्यरूपंरण

कहानी और नाटक में समानता (प्रतिदर्श प्रश्न पत्र 2024-25) कथानक और घटनाक्रम: दोनों ही में एक केंद्रीय कहानी होती है जो विभिन्न घटनाओं से जुड...