हिंदी कहानी का आरम्भ सन १९०० में सरस्वती के प्रकाशन के प्रकाशन के ही आरंभ हो जाता है । जून १९०० में किशोरी लाल गोस्वामी की इंदुमती का प्रकाशन सरस्वती में होता है । इसे हिंदी की पहली कहानी नही माना जा सकता है । क्योकि इस पर शेक्सपीयर के नाटक टेपस्ट की छाप मिलती है । उसके बाद माधव राव सप्रे की कहानी एक टोकरी भर मिट्टी १९०१ , भगवान दास की प्लेग की चुड़ैल १९०२ , पं गिरजा दत्त बाजपेई पंडित और पन्डिताईन , आचार्य राम चन्द्र शुक्ला ग्यारह वर्ष का समय , लाला पार्वतीनन्दन की बिजली१९०४ , मेरी चम्पा, बंगमहिला"राज बल घोष " दुलाई बाली एवं वृदावन लाल वर्मा राखी बंद भाई व तातार और एक वीर राजपूत है।
आचार्य शुक्ल इंदुमती को हिंदी की पहली कहनी मानते है
राजेन्द्र यादव चंद्रधर शर्मा की कहानी उसने कहा को हिंदी की पहली कहानी माना है । चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी की अन्य कहानियाँ सुखमय जीवन और बुद्धू का कॉटा
कुछ विद्वान माधव राव सप्रे की कहानी एक टोकरी भर मिट्टी १९०१ को हिंदी की पहली कहानी मानते है ।
राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द ने राजा भोज का सपना लिखा था ।
उसके बाद प्रेमचंद हिंदी कहानी में युग प्रवर्तक के रूप में आते है, पर उसके पहले प्रेमचन्द उर्दू में नबाब राय के नाम से लिखते थे । सन १९०९ में इनका उर्दू कहानी संग्रह सोजे वतन प्रकाशित होता है , जिसमे चार कहानियां है-- दुनिया का सबसे अनमोलरतन , शेख मखदूर, यही मेरा वतन है , सांसारिक प्रेम और देश प्रेम । इसे अंग्रेज सरकार ने देशद्रोह के आरोप में जब्त कर लिया था ।
प्रेमचन्द्र ने कुल नौ कहानी संग्रह है - सप्त सरोज नव निधि , प्रेम पूर्णिमा , प्रेम पचीसी ,प्रेम प्रतिमा प्रेम द्वादसी समर यात्रा मान सरोवर भाग १ भाग २, कफन । इसके आलावा अमृत राय ने एक कहानी संग्रह गुप्त धन २ खंडो में प्रकाशित किया है जिसमे ५६ कहानियां संकलित है । इस तरह प्रेमचंद की ३०० कहानियां मिलती है ।
मिलाप, पुत्र प्रेम , प्रतिशोध और सिर्फ एक आवाज - हृदय परिवर्तन की कहानियाँ है ।
'अंधेर' कहानी में पुलिस और मुखिया के अंधेर का वर्णन है जो कहानी के नायक गोपाल के खिलाफ षडयंत्र करते है ।
रानी सारंधा, राज हठ ,राजा हरदौल मर्यादा की , वेदी, पाप का अग्निकुंड और आल्हा - एतिहासिक कहानियाँ है ।
बड़े घर की बेटी,गृह दाह, अलग्योझ में संयुक्त परिवार की कहानी है ।
मूठ, नागपूजा ,और भूत में परिलैकिक विश्वास की कहानी है
आहुति जुलूस समर यात्रा और सत्या ग्रह - देश प्रेम की कहानियाँ है।
सवा सेर गेहूं, सदगति ,ठाकुर का कुआँ ,पूस की रात और कफन जैसी कहानियाँ शोषण के विरुद्ध जन आक्रोश की कहानियाँ है ।
दो बैलों की कथा में पराधीनता के विरूद्ध संघर्ष और मूक जानवरों के आपसी प्रेम को दिखाया है ।
प्रेमचंद की अन्य प्रसिद्ध कहानियाँ --- नमक का दरोगा , दुर्गामंदिर ,संज्जनता का दण्ड, मृत्यु के पीछे ,देवी ,अमृत ,होली की छुट्टी आदि
प्रेमचंद्र की कहानी पंचपरमेश्वर के आदर्श वाद के विरोध में रांगेय राघव ने इसी शीर्षक से कहानी लिखी है ।
प्रेमचंद की पहली कहानी सौत को माना जाता है ।
अंतिम कहानी कफन है ।
रामविलास शर्मा प्रेमचंद्र को कबीर के बाद हिंदी का सबसे बड़ा व्यंगकार मानते है ।
प्रेमचंद्र शताब्दियों से पददलित ,अपमानित और उपेक्षित कृषको की आवाज थे - आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
आचार्य शुक्ल इंदुमती को हिंदी की पहली कहनी मानते है
राजेन्द्र यादव चंद्रधर शर्मा की कहानी उसने कहा को हिंदी की पहली कहानी माना है । चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी की अन्य कहानियाँ सुखमय जीवन और बुद्धू का कॉटा
कुछ विद्वान माधव राव सप्रे की कहानी एक टोकरी भर मिट्टी १९०१ को हिंदी की पहली कहानी मानते है ।
राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द ने राजा भोज का सपना लिखा था ।
उसके बाद प्रेमचंद हिंदी कहानी में युग प्रवर्तक के रूप में आते है, पर उसके पहले प्रेमचन्द उर्दू में नबाब राय के नाम से लिखते थे । सन १९०९ में इनका उर्दू कहानी संग्रह सोजे वतन प्रकाशित होता है , जिसमे चार कहानियां है-- दुनिया का सबसे अनमोलरतन , शेख मखदूर, यही मेरा वतन है , सांसारिक प्रेम और देश प्रेम । इसे अंग्रेज सरकार ने देशद्रोह के आरोप में जब्त कर लिया था ।
प्रेमचन्द्र ने कुल नौ कहानी संग्रह है - सप्त सरोज नव निधि , प्रेम पूर्णिमा , प्रेम पचीसी ,प्रेम प्रतिमा प्रेम द्वादसी समर यात्रा मान सरोवर भाग १ भाग २, कफन । इसके आलावा अमृत राय ने एक कहानी संग्रह गुप्त धन २ खंडो में प्रकाशित किया है जिसमे ५६ कहानियां संकलित है । इस तरह प्रेमचंद की ३०० कहानियां मिलती है ।
मिलाप, पुत्र प्रेम , प्रतिशोध और सिर्फ एक आवाज - हृदय परिवर्तन की कहानियाँ है ।
'अंधेर' कहानी में पुलिस और मुखिया के अंधेर का वर्णन है जो कहानी के नायक गोपाल के खिलाफ षडयंत्र करते है ।
रानी सारंधा, राज हठ ,राजा हरदौल मर्यादा की , वेदी, पाप का अग्निकुंड और आल्हा - एतिहासिक कहानियाँ है ।
बड़े घर की बेटी,गृह दाह, अलग्योझ में संयुक्त परिवार की कहानी है ।
मूठ, नागपूजा ,और भूत में परिलैकिक विश्वास की कहानी है
आहुति जुलूस समर यात्रा और सत्या ग्रह - देश प्रेम की कहानियाँ है।
सवा सेर गेहूं, सदगति ,ठाकुर का कुआँ ,पूस की रात और कफन जैसी कहानियाँ शोषण के विरुद्ध जन आक्रोश की कहानियाँ है ।
दो बैलों की कथा में पराधीनता के विरूद्ध संघर्ष और मूक जानवरों के आपसी प्रेम को दिखाया है ।
प्रेमचंद की अन्य प्रसिद्ध कहानियाँ --- नमक का दरोगा , दुर्गामंदिर ,संज्जनता का दण्ड, मृत्यु के पीछे ,देवी ,अमृत ,होली की छुट्टी आदि
प्रेमचंद्र की कहानी पंचपरमेश्वर के आदर्श वाद के विरोध में रांगेय राघव ने इसी शीर्षक से कहानी लिखी है ।
प्रेमचंद की पहली कहानी सौत को माना जाता है ।
अंतिम कहानी कफन है ।
रामविलास शर्मा प्रेमचंद्र को कबीर के बाद हिंदी का सबसे बड़ा व्यंगकार मानते है ।
प्रेमचंद्र शताब्दियों से पददलित ,अपमानित और उपेक्षित कृषको की आवाज थे - आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
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