शुक्रवार, सितंबर 14, 2018

भारत का परमाणु कार्यक्रम


India's First Nuclear Reactor was Apsara-- यह ४ अगस्त १९५६ को स्थापित किया गया यह इग्लैंड के सहयोग से स्थापित किया गया है यह एशिया का भी पहला रियेक्टर है ।यह स्विमिंग पुल टाइप रियेक्टर है ।  इस में संवर्धित युरेनियम का ईधन के रूप में प्रयोग किया जाता है तथा शीतलक व मंदक के रूप सामान्य जल का प्रयोग किया जाता है ।
इस रियेक्टर की स्थापन का उद्देश परमाणु विकिरण के खतरों का अध्ययन करना तथा रेडियो धर्मी समस्थानिको का उत्पादन करना था ।
                                                  

  cirus ( कनाडा इंडिया रिसर्च यूटिलिटी  सिस्टम  )-- यह १० जुलाई १९६० को स्थापित किया गया ।  इस रियक्टर  में ईधन के रूप -- प्राकतिक युरेनियम का प्रयोग किया जाता है । मंदक के रूप में भारी जल तथा शीतलक के रूप में सामान्य जल का प्रयोग किया गया है । नियंत्रक छड के रूप में --बोरान कैडमियम का प्रयोग किया गया है ।
इस रियेक्टर का उद्देश्य रेडियोधर्मी उत्पादन के  साथ विभिन्न प्रकार के क्रिस्टल का अध्ययन करना है ।  यह रियेक्टर ३१ /१२/२०१०  हमेसा के लिए बंद करदिया गया है । 
       
                            
 ज़ेरलिना(Zero Energy Reactor for Lattice Investigations and New Assemblies) -- इस रियेक्टर का विकास  फ्रांसीसी रियेक्टर एक्युलन  के  आधार पर किया गया है । इस रियेक्टर का उद्देश्य भविष्य में स्थापित किये  जाने  रियेक्टर में प्रयोग किये जाने   ईधन छड के क्रम का अध्ययन करना था  । इस रियक्टर  में ईधन के रूप में --प्राकतिक युरेनियम का प्रयोग किया जाता है । मंदक तथा शीतलक  के रूप में भारी जल का प्रयोग किया जाता है । १९८३  रियेक्टर  को de commisning कर दिया गया है ।
PURNIMA I ( Plutonium Reactor  for  Neutron Investigations in Multiplying Assemblie )-- स्थापना --१ ८/मई/१९७२  यह पहला रियेक्टर  है जिस में प्लूटोनियम का ईधन के रूप में प्रयोग किया गया। इस के द्वारा प्लूटोनियम ईधन के प्रयोग को समझा गया । प्लूटोनियम आधारित रियेक्टर में परावर्तक के रूप में तथा नियंत्रक छड के रूप में मॉलिब्डेनम का प्रयोग किया गया   शीतलक के रूप में हवा  व मंदक के रूप कुछ भी नही प्रयोग किया गया  है। 

PURNIMA II - 
स्थापना --१० /मई/१९७४। इस रियेक्टर का निर्माण U२३३ ईधन के परिक्षण के लिए किया गया । इस रियेक्टर में URANYL NITRATE SOLUTION का प्रयोग ईधन के रूप किया गया । पहली बार  U२३३ का प्रयोग किया गया । शीतलक व मंदक के रूप सामान्य जल का प्रयोग किया गया है । 

PURNIMA II-- स्थापना --९ /नवम्बर /१९९० । इस रियक्टर  में ईधन के रूप -- युरेनियम २३३तथा एल्मिनियम मिश्र धातु  का प्रयोग किया गया  है  
Dhruva(R -५)--The Dhruva reactor is India's largest research reactor and primary source of weapons-grade 

plutonium(
२० से २५ किलोग्राम )  यह(Pressurized Heavy Water

 Reactor)
 P.H. W.R. प्रकार का रियेक्टर है ।  इस रियेक्टर का उद्देश्य 

रेडियो समस्थानिक का  उत्पादन करना है । इस रियेक्टर से १०० 

मेगावाट विधुत ऊर्जा प्राप्त की जाती है । 

IGCAR(Indira Gandhi Centre for Atomic Research,)  -I GCAR was  established in the year 1971, under the  
Department of Atomic Energy, Government of India. यह कल्पक्म तमिलनाडु में है ।  मिश्रित प्लूटोनियम यूरेनियम कार्बाइड ईंधन पर आधारित फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर जो कि विश्व में इस प्रकार का एकमात्र रिएक्टर है। इस में ईधन के रूप में प्लुटोनिय युरेनियम कार्बाइड व  मंदकऔर शीतलक के रूप में गलित सोडियम का प्रयोग किया जाता है । 
नोट- कोई रिएक्टर फ़ास्ट तब कहा जाता है जब उस में न्यूट्रान की गति को मंद नही किया जाता है । 
 BREEDER तब है जब वह जितना ईधन प्रयोग में लाये उससे अधिक उत्पन करे ।

 कामिनी रिएक्टर जो कि विश्व में यू-233 द्वारा प्रचलित एक रिएक्टर हैसफलतापूर्वक प्रचालित किए जा रहे है ।

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नोट -१९५१-- अमेरिका के द्वारा प्रयोगिक प्रजनक परमाणु भट्टी के द्वारा  विधुत उर्जा (१०० वाट ) पायी गयी  यह प्रयोग इदोह में  किया गया है । 
 १९५४ --  रूस  ने संसार के  पहले परमाणु ऊर्जा प्लांट की स्थापना की थी ।   
१९५६ --इंग्लैण्ड के द्वारा परमाणु उर्जा का व्यवसायिक उपयोग किया गया । 
 १९६९ -- भारत के पहले परमाणु उर्जा सयंत्र की स्थापना तारापुर में  


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