सोमवार, सितंबर 04, 2023

पीआईडीपीआई शिकायत दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश


1. पीआईडीपीआई (Public Interest Disclosure and Protection of Informer)

शिकायत एक बंद/सुरक्षित लिफाफे में होनी चाहिए और सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग को संबोधित होनी चाहिए। लिफाफे पर स्पष्ट रूप से "सार्वजनिक हित प्रकटीकरण के तहत शिकायत" या "पीआईडीपीआई" अंकित होना चाहिए।

2. पीआईडीपीआई शिकायतकर्ता को शिकायत के आरंभ या अंत में या संलग्न पत्र में अपना नाम और पता देना चाहिए। लिफाफे पर नाम एवं पता अंकित नहीं होना चाहिए

3. केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों या किसी केंद्रीय अधिनियम के तहत स्थापित किसी निगम, केंद्र सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाली सरकारी कंपनियों, सोसायटी या स्थानीय प्राधिकरणों से संबंधित शिकायतें ही आयोग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। राज्य सरकारों द्वारा नियोजित कार्मिक और राज्य सरकारों या उसके निगमों आदि की गतिविधियाँ आयोग के दायरे में नहीं आएंगी

4. शिकायतें केवल डाक द्वारा ही भेजी जानी चाहिए। ईमेल, शिकायत प्रबंधन पोर्टल या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा

5. व्यक्ति की पहचान की रक्षा के लिए, आयोग कोई पावती जारी नहीं करेगा और मुखबिरों को सलाह दी जाती है कि वे अपने हित में आयोग के साथ कोई और पत्राचार न करें। आयोग आश्वासन देता है कि, मामले के तथ्यों के सत्यापन योग्य होने के अधीन, वह आवश्यक कार्रवाई करेगा, जैसा कि ऊपर उल्लिखित भारत सरकार के संकल्प के तहत प्रदान किया गया है।

6. शिकायतों में सतर्कता का दृष्टिकोण होना चाहिए और शिकायत निवारण के लिए नहीं होना चाहिए

7. पीआईडीपीआई शिकायतों में शिकायतकर्ता की पहचान करने वाले विवरण शामिल नहीं होने चाहिए। यदि ऐसे विवरणों को शामिल करना अपरिहार्य है तो सीवीसी पोर्टल में एक सामान्य शिकायत दर्ज की जा सकती है

8. पीआईडीपीआई पर पिछले परिपत्र और पत्र आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और अधिक जानकारी के लिए इन्हें देखा जा सकता है।


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