मंगलवार, अगस्त 20, 2024

आत्म परिचय और दिन जल्दी-जल्दी ढलता है'

 

प्रश्न  1

आत्म परिचय कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है?

         कठिनाइयों से जूझना और जीवन से प्यार करना: कवि जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहा है, फिर भी वह जीवन से प्यार करता है। यह विरोधाभास दिखाता है कि जीवन में सुख-दुख दोनों साथ-साथ चलते हैं।

  • अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में अडिग रहना: कवि परिस्थितियों के बदलते मिजाज के बावजूद अपने मार्ग पर डटे रहने की बात करता है। यह एक आंतरिक दृढ़ता को दर्शाता है।
  • संसार को अपूर्ण मानना और फिर भी उसमें जीना: कवि संसार को अपूर्ण मानता है, लेकिन वह फिर भी उसमें जी रहा है। यह उसके यथार्थवादी दृष्टिकोण को दिखाता है।
  • अपने सपनों का अलग संसार बसाना: कवि यथार्थ से असंतुष्ट है और अपने सपनों का एक अलग संसार रचता है।

कवि इन विरोधाभासों के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश करता है। वह जीवन के यथार्थ को स्वीकार करते हुए भी अपने आदर्शों और सपनों को नहीं छोड़ता। यह उसकी जिजीविषा और संघर्षशीलता को दर्शाता है।

प्रश्न 2

बच्चे किस बात की आशा में नीड़ो से झाक रहे होगे ? एक गीत कविता के आधार पर लिखिए

"एक गीत" कविता के आधार पर, बच्चे अपने माँ    के लौटने की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे। वे दिन भर भूखे-प्यासे चिड़िया की राह देख रहे हैं। दिन ढल रहा है और वे बेसब्री से अपने चिड़िया के आने का इंतज़ार कर रहे हैं, जो उनके लिए भोजन लेकर आएंगे और उनकी भूख मिटाएंगे। साथ ही, वे अपने माता-पिता के साथ समय बिताने और उनके प्यार को महसूस करने के लिए भी उत्सुक होंगे।

इस प्रकार, नीड़ों से झाँकना बच्चों की अपने चिड़िया (माता-पिता) के प्रति प्रेम, उनकी उनसे मिलने की उत्कंठा और उनकी देखभाल पर निर्भरता को दर्शाता है।

प्रश्न 3

- मुझसे मिलने को कौन विकल' 'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता के आधार पर पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।"मुझसे मिलने को कौन विकल?"

यहाँ कवि आत्म-चिंतन के भाव में है। वह सोचता है कि क्या कोई ऐसा है जो सचमुच उससे मिलना चाहता है? क्या कोई उसकी आत्मा की गहराइयों को समझने को  उत्सुक है? यह प्रश्न उसके मन में एक खालीपन और अकेलेपन की भावना को दर्शाता है।

कविता के माध्यम से हमें यह संदेश देना चाहते हैं कि समय बहुत तेज़ी से बीत जाता है और जीवन का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए हमें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और जीवन के हर पल को जीना चाहिए |

प्रश्न 4

-दिन जल्दी जल्दी ढलता है ‘ कविता का उद्देश्य  बताइए |

     "दिन जल्दी-जल्दी ढलता है" का मुख्य उद्देश्य समय की क्षणभंगुरता और जीवन की अनित्यता को रेखांकित करना है। कवि इस कविता के माध्यम से हमें यह संदेश देना चाहते हैं कि समय बहुत तेज़ी से बीत जाता है और जीवन का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए हमें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और जीवन के हर पल को जीना चाहिए |

"दिन जल्दी-जल्दी ढलता है" कविता हमें समय के सदुपयोग और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन एक अनमोल उपहार है और हमें इसे व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए।

प्रश्न 5

 

आत्मपरिचय' कविता एक ओर जग-जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर 'मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ'- विपरीत से लगते इन कथनों का क्या आशय है?ये दोनों पंक्तियाँ मिलकर कवि के व्यक्तित्व के दो अलग-अलग पहलुओं को उजागर करती हैं। एक ओर वह संसार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझता है, दूसरी ओर वह सांसारिक बंधनों से मुक्त रहकर अपने आत्मिक विकास की ओर अग्रसर होता है। यह विरोधाभास कवि की आंतरिक जटिलता और उसकी जीवन के प्रति गहन दृष्टिकोण को दर्शाता है। वह एक ऐसा व्यक्ति है जो संसार में रहते हुए भी उससे अलग है, जो सांसारिक कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी आत्मिक मुक्ति की खोज में लगा रहता है।

संक्षेप में, कविता में प्रस्तुत यह विरोधाभास कवि के व्यक्तित्व की गहराई और उसकी जीवन के प्रति दार्शनिक दृष्टिकोण को प्रकट करता है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम संसार में रहते हुए भी उससे अलग रह सकते हैं, क्या हम सांसारिक कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी आत्मिक मुक्ति की खोज कर सकते हैं।

 

 

भाव सौंदर्य:

  • वैराग्य भाव: कवि संसार के भौतिक सुखों से विरक्त है। वह संसार से अपने संबंध को नकारता है और उसे व्यर्थ मानता है।
  • विरह वेदना: प्रियतम के वियोग में कवि के ह्रदय में गहरा दुख है। वह अपने आँसुओं में भी प्रियतम के प्रति प्रेम को ढूँढता है।
  • आत्मगौरव: कवि भले ही विरह से पीड़ित है, परंतु उसमें आत्मसम्मान और गौरव है। वह खंडहर जैसे अपने ह्रदय को भी गले लगाता है।

काव्य सौंदर्य:

  • अनुप्रास अलंकार: "मैं बना-बना कितने जग रोज़ मिटाता" में '' वर्ण की आवृत्ति अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है।
  • विरोधाभास अलंकार: "शीतल वाणी में आग" में विरोधाभास अलंकार है। शीतल वाणी और आग विरोधाभासी हैं, जो कवि की विरह वेदना की तीव्रता को दर्शाते हैं।
  • शब्द चयन: कवि ने सरल और सहज शब्दों का प्रयोग किया है, जो कविता को प्रभावशाली बनाते हैं। 'खंडहर', 'भाग', 'निछावर' जैसे शब्द कवि के भावों को सटीकता से व्यक्त करते हैं।लय एवं संगीत: कविता में लय और संगीत का सुंदर समावेश है, जो पाठक को भाव विभोर कर देता है।

 

 

 

मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,

 मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,

जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,

 मैं अपने मन का गान किया करता हूँ।

 

(क) कविता की भाषा पर टिप्पणी:

प्रस्तुत कविता की भाषा सरल, सहज और भावानुकूल है। कवि ने तत्सम और तद्भव शब्दों का सुंदर मिश्रण किया है, जिससे भाषा में प्रवाह और संगीतमयता है। 'स्नेह-सुरा' और 'मन का गान' जैसे शब्द प्रयोग कवि की भावुकता और कल्पनाशीलता को दर्शाते हैं। लोकोक्तियों का प्रयोग भाषा को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।

(ख) रूपक अलंकार का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:

कविता में 'स्नेह-सुरा' एक सुंदर रूपक है। यहाँ स्नेह (प्रेम) की तुलना सुरा (शराब) से की गई है। जिस प्रकार सुरा पीने से व्यक्ति मदहोश हो जाता है, उसी प्रकार प्रेम में डूबा व्यक्ति भी आनंद की एक अलग ही दुनिया में खो जाता है। यह रूपक कवि की प्रेम में लीनता और उससे प्राप्त आनंद को प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है।

(ग) अनुप्रास के दो उदाहरण चुनकर लिखिए:

1.     "मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ" - यहाँ '' वर्ण की आवृत्ति अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है।

2.     "जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते" - इस पंक्ति में '' वर्ण की आवृत्ति से अनुप्रास अलंकार का निर्माण हुआ है

 

इन प्रश्नों के उत्तर विद्यार्थी  स्व विवेक से दे |

प्रश्न 8 - बच्चन के संकलित गीत में दिन ढलते समय पथिकों और पक्षियों के गीत में त्रीवता और कवि की गति में शिथिलता  के कारण लिखिए  |

प्रश्न 9 कौन सा  विचार दिन ढलने के बाद लौट रहे पंथी के क़दमों को धीमा कर देता है ? बच्चन के गीत के आधार पर उत्तर दीजिए |

प्रश्न 10 -दिन जल्दी जल्दी ढलता कविता में व्यक्त प्रेम की अभिव्यक्ति को स्पष्ट करें ?

 

 

 

 

 

 

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