• संवाददाता( रिपोर्टर) – जो समचार को संकलित
करे अर्थात जो समाचार अनेक माध्यमों से
इकठ्ठा करे |
• पत्रकारिता – देश विदेश में होने
वाली घटना को इकट्ठा कर उसे सूचना के रूप में प्रकाशित करना | पत्रकारिता के मूल
तत्व के रूप में हम नई सूचना को इकट्ठा करना मान सकते है |
• पत्रकारिता के विविध
आयाम – सम्पादकीय , फोटो पत्रकारिता , कार्टून कोना रेखांकन आदि |
• पत्रकारिता के
प्रकार –
• विशेषीकृतपत्रकारिता—किसी विशेषक्षेत्र
की गहराई से जानकारी देनी वाली पत्रकारिता ही विशेषी कृत
पत्रकारिता है |जैसे खेल पत्रकारिता
• खोज परक पत्रकारिता –सार्वजनिक
स्थान पर होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर होने वाली पत्रकारिता ही खोजपरक
पत्रकारिता है| टेलीवीजन में इसे स्टिगं ओपरेशन कहते है|
जैसे हवाला कांड ,ओपरेशन दुर्योधन आदि
|
• वाचडॉग पत्रकारिता—यह खोजपरक
पत्रकारिता का ही अंग है इस में सरकारी विभाग के कम काज पर निगाह रखा जाता
है और उसकी गड़बड़ी का पर्दाफाश किया जाता है |
• एड्वोकेशी
पत्रकारिता – किसी विचार धारा ,घटना या मत पर जनमत तैयार करना ही एड्वोकेशी
पत्रकारिता है |जैसे राम सेतू के लिये जनमत तैयार करने के लिये प्रचार किया गया है |
• पेज थ्री पत्रकारिता
या पीतपत्रकारिता – सनसनी, ग्लैमर की दुनिया ,या किसी सिलेब्रिटी के बारे बताने वाली
पत्रकारिता ही पेज थ्री पत्रकारिता है |
पत्रकारिता के प्रमुख शब्द --------
• डेड लाईन—कोई भी समाचार जिस
अवधि के बाद छापता है वही अवधि उस समाचार पत्र की डेडलाईन है | जो समाचार पत्ररोज
छपते है उनकी डेडलाइन २४ घंटे होती है अथार्त जो घटना २४ घंटे पहले की है वह उस
पत्र के लिये बेकार है |
विशेष रिपोर्ट – जो विशेष क्षेत्र
सूचना एकत्र करे | जैसे --
खोजी रिपोर्ट : इसमें अनुपल्ब्ध
तथ्यों को गहरी छान-बीन कर सार्वजनिक किया
जाता है।
• इन्डेप्थ रिपोर्ट: सार्वजानिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी
छान-बीन कर उसके महत्त्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है ।
• विश्लेषणात्मक
रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या का विवरण सूक्ष्मता के साथ विस्तार से
दिया जाता है । रिपोर्ट अधिक विस्तृत होने पर कई दिनों तक किस्तों में प्रकाशित की
जाती है ।
• विवरणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना
या समस्या को विस्तार एवं बारीकी के साथ
प्रस्तुत किया जाता है।
• फ्लैश या ब्रेकिग –कोई बड़ी खबर कम
शब्दों में दिखाई जाए वही ब्रेकिग न्यूज़ है|जैसे मोदी जी प्रधानमंत्री बने आदि |
• विचारपरक लेखन :
समाचार-पत्रों में समाचार एवं फ़ीचर के अतिरिक्त संपादकीय, लेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तम्भ
छपते हैं । ये सभी विचारपरक लेखन के अन्तर्गत आते हैं ।
किसी समाचार पत्र तीन
प्रकार के पत्रकार होते है –
• पूर्ण कालिक—ये किसी समाचार पत्र
के नियमित वेतन भोगी कर्मचारी(पत्रकार) होते है|
• अंशकालिक
पत्रकार(स्ट्रिगर )—किसी समाचार पत्र में निश्चित मानदेय( धनराशि ) के आधार पर काम करते
है| ये कई
समाचार पत्र में काम कर सकते है |
• -फ्रिलासर पत्रकार(
स्वतंत्र पत्रकार)—ये किसी समाचार पत्र के वेतनभोगी नहीं होते है | ये भुगतान के आधार
पर किसी भी समाचार पत्र या संगठन को समाचार देते है |
• समाचार लेखन की शैली
को उल्टा पिरामिड शैली कहते है | इस में सबसे महत्वपूर्ण बाते पहले लिखी जाती है
उसके बाद कम महत्वपूर्ण बाते लिखी जाती है अंत में सबसे कम महत्व की बाते |
• -समाचार में छह ककार का महत्व होता है— १:क्या,२: कब,३: कहाँ,४: कौन,५: कैसे,६: क्यों
• समाचार लेखन के तीन अंग है— १ शीर्षक—हेडलाइन २ मुखड़ा –किसी समाचार के पहले अनुछेद या प्रथम तीन
चार पंक्तियों लिखी गयी बाते मुखड़े के अतर्गत आती है इसमें सामान्यतया चार ककार
आते है--१:क्या,२: कब,३: कहाँ,४: कौन |इस में घटना के बारे में सूचना होती है पर उसका विवरण नहीं, जिससे पाठक के मन
में जिज्ञासा उत्पन्न हो|
• निकाय( बोडी) – इस में समाचार का विस्तार से वर्णन किया
जाता है | इसमें
पहले यह बताया जाता है घटना कैसे घटी फिर यह बताया जाता है की घटना क्यों घटी,
अत: शेष दोनों ककार
इस क्रम में आते है| --१ : कैसे,२ :क्यों
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