1.संचार -संचार चर धातु से बना है | जिसका अर्थ है चलना या
एक जगह से दूसरी जगह पहुँचना |
2 संचार के मूल तत्वो पर विचार करे |---
क-संचारक या स्रोत (संदेश देने के बारे
में सोचना )
ख-सन्देश का कूटीकरण (एनकोडींग-संदेश भेजने वाले के द्वारा भाषाबद्ध कर संदेश को भेजना )
ग-सन्देश का कूटवाचन|(डीकोडींग या भाषा ग्रहण करना और संदेश प्राप्त
द्वारा संदेश का अर्थ समझना )
घ-प्राप्त कर्ता (सन्देश प्राप्त करता
3 संचार के प्रकार_
अ-- सांकेतिक संचार –जब संचार संकेत के द्वारा हो| इस में
मनुष्य अपने अंगो या अन्य उपकरणों का प्रयोग करता है|
ब-- मैखिक संचार –जब व्यक्ति बोल कर कोई संकेत पहुचाये | भाषण ,बातचीत
स –समूह संचार – जब कोई पूरा समूह बात हो |इसमें सामूहिक रूप संचरा होता है
जन संचार – जब किसी समूह के साथ संचार हम प्रत्यक्ष न कर के किसी यांत्रिक माध्यम से करे तो
वहीं जन संचार है | जन संचार के माध्यम –सिनेमा , रेडियो ,दूरदर्शन सिनेमा।
जनसंचार की विशेषताएँ:
- इसमें फ़ीडबैक तुरंत प्राप्त नहीं होता।
- इसके संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।संचारक और प्राप्तकर्त्ता के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता।
- जनसंचार के लिये एक औपाचारिक संगठन की आवश्यकता होती है।
- इसमें ढ़ेर सारे द्वारपाल काम करते
जनसंचार के प्रमुख कार्य:
सूचना देना = लोगो को देश और दुनिया में हो रही घटनाओं के बारे में सूचित किया जाता
है |
शिक्षित करना = आज के समय में रेडियों
टेलिविज़न शिक्षा का एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है
मनोरंजन करना= फिल्में ,धरावाहिक एवं अन्य कार्यक्रम हमारा मनोरंजन करते है |
निगरानी करना = समाज में हो रहें बदलावों पर निगरानी रखने का कार्य भी जनसंचार के
माध्यम करते है |
एजेंडा तय करना= किसी विषय पर राय बनाना
विचार-विमर्श के लिये मंच उपलब्ध कराना
• प्रिंट माध्यम
(मुद्रित माध्यम)-
• जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना
माध्यम है ।
• आधुनिक
छापाखाने का आविष्कार जर्मनी के गुटेनबर्ग ने किया।
• भारत में पहला छापाखाना सन १५५६ में गोवा में
खुला, इसे
ईसाई मिशनरियों ने धर्म-प्रचार की पुस्तकें छापने के लिए खोला था
• मुद्रित माध्यमों के अन्तर्गत अखबार, पत्रिकाएँ, पुस्तकें आदि आती
हैं ।
मुद्रित माध्यम की
विशेषताएँ:
• छपे हुए शब्दों में स्थायित्व होता है, इन्हें सुविधा
अनुसार किसी भी प्रकार से पढा़ जा सकता है।
• यह
माध्यम लिखित भाषा का विस्तार है।
• यह चिंतन, विचार- विश्लेषण का माध्यम है।
• मुद्रित माध्यम की
सीमाएँ
• निरक्षरों के लिए मुद्रित माध्यम किसी काम के
नहीं होते।
• ये तुरंत घटी घटनाओं को संचालित नहीं कर सकते।
• इसमें स्पेस तथा शब्द सीमा का ध्यान रखना पड़ता
है।
• इसमें एक बार समाचार छप जाने के बाद
अशुद्धि-सुधार नहीं किया जा सकता।
मुद्रित माध्यमों में लेखन के लिए ध्यान रखने
योग्य बातें:
• भाषागत शुद्धता का ध्यान रखा जाना चाहिए।
• प्रचलित भाषा का प्रयोग किया जाए।
• समय, शब्द व स्थान की सीमा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
• लेखन में तारतम्यता एवं सहज प्रवाह होना चाहिए।
1 टिप्पणी:
ज्ञानवर्धक।।।
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