§जहाँ
गुण की अत्यंत समानता दर्शाने के लिए उपमेय और उपमान को एक ही बताया जाता है तो
उसे रूपक अलंकार कहाँ जाता है |
§उपमा
की तरह रूपक में उपमेय तथा उपमान दोनों अलग अलग कहे जाते हैं,पर कवि दोनों को
अलग-अलग कहकर भी अभेद या एकता बताता है |
§चरण
कमल बंदौ हरिराई |
§जाकी
कृपा पंगु गिरि लंघै,अंधे को सब कछु दरसाई
§चेतना
लहर न उठेगी
जीवन
समुद्र थिर न होगा
संध्या
हो सर्ग प्रलय की
विच्छेद
मिल्न फिर होगा
उदित
उदय-गिरि मंच पर रघुवर बाल पतंग |
विकसे
संत-सरोज सब,हरषे लोचने भृंग ||
बीती
विभावरी जाग री !
अम्बर पनघट
में डुबो रही
तारा
घट उषा नागरी |
मन
का मनका फेर
पायो
जी मैंने राम-रतन धन पायो |
समय सिन्धु चंचल है भारी |
§एक
राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास |
§आए
महंत बसंत
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