रविवार, अगस्त 02, 2020

हम कहाँ ?...

अल्फाज़ो की दुनिया मे,
बेज़ुबान हम कहाँ!
रगो की चाहत तो रखु,
पर फिर भी रागिन हम कहाँ! 
खुशी खोजे हर नहीं,
पर नसे जो हो,
वही मिला!
जीवन के हर मोड़ पर,
चाहतो का अजीब एक मेला लगता है,
मंजिल के पीछे भागे हर कोई,
पर ये मंजिल किसे मिली,
उन लोगों ने हम कहाँ!
तो फिर उठा लू,
दिन भी बनाते हैं,
पर जब के रगीन कागज पर हम कहाँ! 

https://youtu.be/zZm45kznglY

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी ओलंपियाड की कक्षा 8 की अभ्यास पुस्तिका

  अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड कक्षा-8 अभ्यास प्रश्न अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड कक्षा-8: महत्वपूर...