शुक्रवार, सितंबर 08, 2017

जूझ- आनंद यादव


योजना प्रारूप
कक्षा-12 वीं                             विषय-हिन्दी                     पाठ–जूझ                            कालांश:
प्रारम्भ करने की दिनांक:           पूर्ण करने का अपेक्षित दिनांक:                  पूर्ण करने का वास्तविक दिनांक:
पाठ का सारांश 
सीखने का लक्षित परिणाम
शिक्षण विधि निश्चित लक्षित परिणाम प्राप्त करनें की

मूल्यांकन रणनीतियाँ
केंद्रित कौशल

जूझ- आनंद यादव
1.लेखक के संघर्ष को समझना
2. परिस्थितियों के अनुरूप कार्य  क्षमता विकसित करना|
3. काव्य रचना की खूबियों को समझना |
4. कठिन परिस्थितियों से निकालने का मार्ग खोजना |
कहानी  संबंधी वीडियो दिखाना ।

कक्षा में  आदर्श एवं अनुकरण वाचन कराना |

बोध-संबंधी प्रश्न I
प्र. इस पाठ का लेखक कौन ,उसके जीवन से आप क्या शिक्षा लेते है  ?
प्र. 2 दत्ता जी राव ने  आनंदा की  पढ़ाई में कैसे सहयोग किया  ?
प्र.3 बसंत पाटिल से आनंदा की मित्रता कैसे हुई ?
प्र.4 सौन्देलगेकर से आनंदा को क्या प्रेरणा मिली  ?
प्र.5 कविता लिखने से पहले और बाद में आनंदा  के जीवन में क्या अंतर दिखाई देता है ?
जूझपाठ आनंद यादव द्वारा रचित स्वयं के जीवनसंघर्ष की कहानी है| पढ़ाई पूरी न कर पाने के कारण, उसका मन उसे कचोटता रहता था|दादा ने अपने स्वार्थों के कारण उसकी पढ़ाई छुड़वा दी थी|वह जानता था कि दादा उसे पाठशाला नहीं भेजेंगे| आनंद जीवन में आगे बढ़ना चाहता था| वह जनता था कि खेती से कुछ मिलने वाला नहीं|वह पढ़ेगा-लिखेगा तो बढ़िया-सी नौकरी मिल जाएगी |
 आनंद ने एक योजना बनाई कि वह माँ को लेकर गाँव के प्रतिष्ठित व्यक्ति दत्ता जी राव के पास जाएगा| दत्ता जी राव ने उनकी पूरी बात सुनी और दादा को उनके पास भेजने को कहा | दत्ता जी ने उसे खूब फटकारा, आनंद को भी बुलाया | दादा ने भी कुछ बातें रखीं कि आनंद को खेती के कार्य में मदद करनी होगी| आनंद ने उनकी सभी बातें सहर्ष मान लीं| आनंद की पढ़ाई शुरू हो गई| शुरु में कुछ शरारती बच्चों ने उसे तंग किया किन्तु धीरे-धीरे उसका मन लगने लगा| उसने कक्षा के मानीटर वसंत पाटिल से दोस्ती कर ली जिससे उसे ठीक प्रकार से पढ़ाई करने की प्रेरणा मिली| कई परेशानियों से जूझते हुए आनंद ने शिक्षा का दामन नहीं छोड़ा| मराठी पढ़ाने के लिए श्री सौंदलगेकर आए| उन्होंने आनंद के हृदय में एक गहरी छाप छोड़ी| उसने भी कविताओं में रूचि लेनी प्रारम्भ की| उसने खेतों में काम करते करते कविताएँ कंठस्थ की| मास्टर ने उसकी कविता बड़े ध्यान से सुनी| बालक का आत्मविश्वास बढ़ने लगा और उसकी काव्य-प्रतिभा में निखार आने लगा |

पठन एवं वाचन  कौशल   

सीखे हुए ज्ञान को परिवेश से जोड़ सकने की जागरूकता I
कहानी के  शब्दों का उच्चारण करते हुए उन्हें श्यामपट्ट पर लिखकर दर्शाना I
विद्यार्थियों के  समूह बनाकर “जूझ” शीर्षक के औचित्य पर चर्चा कराना
श्रवण कौशल
लेखन कौशल
कहानी को  ध्यान पूर्वक सुनना |
कहानी का  सार समझाकर प्रश्न पूछते हुए  पाठ का विस्तार करना I
कतिपय शब्दों का उच्चारण करना एवं विद्यार्थियों से लिखवाना I


कोई टिप्पणी नहीं:

कैसे करें कहानी का नाट्यरूपंरण

कहानी और नाटक में समानता (प्रतिदर्श प्रश्न पत्र 2024-25) कथानक और घटनाक्रम: दोनों ही में एक केंद्रीय कहानी होती है जो विभिन्न घटनाओं से जुड...